एक एकड़ में होगा 5 लाख रुपये का फायदा, बस धान के खेत में कर दें इस फसल की बुवाई

धान कटाई के बाद किसान प्याज की बुवाई में जुट गए हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसान पारंपरिक तरीकों की बजाय वैज्ञानिक विधि अपनाएं, तो कम लागत में अधिक पैदावार और बेहतर गुणवत्ता मिल सकती है. इससे किसानों की कमाई में भी इजाफा होगा.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 10 Oct, 2025 | 02:00 PM

Onion Farming: धान कटाई के साथ ही किसानों ने प्याज की बुवाई शुरू कर दी है. लेकिन बहुत से किसान अभी पारंपरिक तरीके से ही प्याज की बुवाई कर रहे हैं. ऐसे किसानों को मालूम होना चाहिए कि अगर वे वैज्ञानिक तरीके से प्याज की बुवाई करते हैं, तो पारंपरिक के मुकाबले ज्यादा पैदावार होगी. साथ की प्याज के कंद के साइज भी बड़-बड़े होंगे. खास बात यह है वैज्ञानिक विधि से प्याज की बुवाई करने के लिए किसानों को ज्यादा खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. बस उन्हें नीचे बताए गए तरीकों को अपनाना होगा.

दरअसल, अक्टूबर से नवंबर के पहले हफ्ते तक का समय प्याज की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त होता है. इस दौरान मौसम ठंडा रहता है और मिट्टी में नमी संतुलित होती है, जिससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं और पौधे मजबूत बनते हैं. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, प्याज की खेती रबी सीजन में होती है. इसकी शुरुआत सीडलिंग (नर्सरी) तैयार करने से होती है, जिसमें करीब 20 से 25 दिन लगते हैं. इसके बाद इन पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट यानी रोपण किया जाता है. अगर किसान वैज्ञानिक तरीके  अपनाएं, तो उन्हें प्याज की खेती से अच्छी कमाई हो सकती है.

इतनी दूरी पर करें प्याज बुवाई

एक्सपर्ट के मुताबिक, प्याज की नर्सरी तैयार करने के लिए खेत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 1/20 भाग लिया जाता है. नर्सरी बेड की ऊंचाई करीब 7 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. पौध तैयार करने के लिए उपजाऊ और अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का चयन  करें और खेत की अच्छी तरह जुताई करके उसे तैयार करें. साथ ही बीजों को बोने से पहले 6 से 8 घंटे तक पानी में भिगो दें. फिर बीजों को 5 से 7.5 सेंटीमीटर की दूरी पर और लगभग 1 सेंटीमीटर गहराई में कतारों में बोएं. नर्सरी में नियमित रूप से पानी देते रहें. जब पौधे 10 से 12 सेंटीमीटर लंबे हो जाएं, तो वे खेत में रोपाई के लिए तैयार माने जाते हैं.

बुवाई से पहले करें ये काम

ऐसे भी प्याज की नर्सरी को खेत में रोपना एक बहुत ही जरूरी चरण होता है. सबसे पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी और नरम  हो जाए. इसके बाद खेत में गोबर की खाद या कंपोस्ट मिलाएं. पौध लगाने के लिए समतल और चौड़ी नालियां बनाएं. वहीं, रोपाई करते समय दूरी का खास ध्यान रखें. पौधों को 20 से 25 सेमी की दूरी पर और कतारों को 30 से 35 सेमी की दूरी पर लगाएं. पौध को उसकी जड़ों समेत गड्ढे में लगाकर मिट्टी से अच्छे से ढक दें. इसके बाद तुरंत हल्की सिंचाई करें.

80 दिन में तैयार हो जाएगी फसल

खेत में उगने वाले खरपतवारों को समय-समय पर निकालते रहें और निराई-गुड़ाई  करते रहें. एक एकड़ प्याज की खेती से किसान लगभग 2 से 5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. बीज से उगाई गई प्याज को तैयार होने में 120 से 150 दिन लगते हैं, जबकि पौध से उगाई गई प्याज 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है. साथ ही किसान कीट नियंत्रण के लिए नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एक प्राकृतिक कीटनाशक है, जो पौधों और मिट्टी दोनों के लिए सुरक्षित होता है. नीम ऑयल आसानी से किसी भी कृषि दुकान या सरकारी कृषि विभाग (PPO या एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट) से मिल सकता है. अगर किसान इन आधुनिक तकनीकों और उपायों को अपनाते हैं, तो प्याज की खेती में उनकी लागत कम होगी, मुनाफा ज्यादा मिलेगा और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर बनी रहेगी.

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Published: 10 Oct, 2025 | 01:55 PM