चुकंदर की खेती से 3 महीने में लाखों की कमाई, बीज बुवाई से लेकर फसल कटाई तक…जान लें पूरा गणित

सब्जी किसानों के लिए सर्दियों का मौसम बेहद ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस मौसम में सब्जियों की खपत बढ़ जाती है. साथ ही बहुत सी ऐसी मौसमी सब्जियां भी होती हैं जिनकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. इन्हीं सब्जियों में से एक चुकंदर भी है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 26 Sep, 2025 | 09:30 PM

Beetroot Farming: सर्दियों के मौसम में सब्जी की खपत केवल घरों में ही ज्यादा नहीं होती हल्कि बाजार में भी इनकी मांग बढ़ जाती है. यही कारण है कि रबी सीजन सब्जी किसानों के लिए बहुत ही खास होता है. ऐसे में अगर आप किसान हैं और रबी सीजन में सब्जी की खेती से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो चुकंदर की खेती आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकती है. क्योंकि इसकी फसल मात्र 3 महीने में पककर तैयार हो जाती है और बाजार में मांग होने के कारण उपज की अच्छी कीमत भी मिल जाती है.

3 महीने में 1 लाख से ज्यादा की कमाई

चुकंदर की फसल बुवाई के करीब 90 दिन बाद यानी 3 महीने में पककर तैयार हो जाती है. बात करें इसकी फसल से होने वाली पैदावार की तो इसकी प्रति एकड़ी फसल से किसान 80 से 100 क्विंटल तक उपज ले सकते हैं. बाजार में चुकंदर की कीमत 8 से 15 रुपये किलोग्राम तक होती है. ऐसे में अगर कोई किसान 90 क्विंटल यानी 9 हजार किलोग्राम की उपज ले रहा है तो औसतन 12 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उसे अपनी उपज से मात्र 3 महीने में 1 लाख 8 हजार रुपये की कमाई हो सकती है.

सही समय पर खेत की तैयारी

चुकंदर की खेती के लिए सबसे सही समय अक्टूबर से दिसंबर तक होता है. चुकंदर की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी बेस्ट होती है जिसका pH मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए. इसके बीजों की बुवाई से पहले जरूरी है कि किसान खेत की 2 से 3 बार गहरी जुताई कर लें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके. इसके बाद पाटा चलाकर मिट्टी को समतल कर लें ताकि खेत में पानी न जमा हो. खेत की तैयारी करते समय मिट्टी में 8 से 10 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ की दर से जरूर मिलाएं.

बीज उपचार और बुवाई विधि

मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, चुकंदर की प्रति एकड़ फसल के लिए करीब 4 से 5 किलोग्राम बीज की जरूरत होगी और बुवाई से पहले इन बीजों का थायरम या ट्राइकोडर्मा से उपचार (Seed Treatment) जरूर कर लें ताकि फसल रोगमुक्त हो और बीजों की अंकुरण दर में भी तेजी आए. बीज बुवाई के समय ध्यान रखें कि मिट्टी में 2 से 3 सेंटीमीटर गहराई में बीजों की बुवाई करें और कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर वहीं पौधों से पौधों की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें. एक बार जब आप अच्छे से बीज बुवाई कर लें तो फसल को तुरंत हल्की सिंचाई दें. इसके बाद हर 10 से 12 दिन के बाद फसल को पानी दें.

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Published: 26 Sep, 2025 | 08:37 PM

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