किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि बीजों की बुवाई सही ढंग से की जाए. बीज बुवाई के लिए किसान कई तरह की विधियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन विधियों में से एक विधी है डिबलिंग विधि , जिसकी मदद से खेतों में बीजों को एक निश्चित दूरी और गहराई पर मिट्टी में गड्ढे या छेद बनाकर बीजों की बुवाई की जाती है. बता दें कि ये विधि खासतौर पर उन फसलों के लिए सबसे सही मानी जाती है जिनके बीज बड़े होते हैं या जिनमें पौधों के बीच पर्याप्त जगह की जरूरत होती है.
कैसै काम करती है डिबलिंग विधि
उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के अनुसार डिबलिंग विधि से बीजों की बुवाई के लिए पहले खेत को बहुत अच्छे से जोतकर समतल कर लें, इसके बाद खेत से खरपतवार और पत्थरों को निकालकर खेत को साफ कर लें. इसके बाद मिट्टी में गोबर की खाद या कम्पोस्ट तैयार करें. इसके बाद अपनी फसल के अनुसार बीज बोने के लिए पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे की दूरी तय करने के बाद तय की गई जगह पर डिबलर या हाथ से 3 से 5 सेमी गहरा गड्ढा करें. गड्ढा करने के बाद हर छेद में 1 से 2 बीज डालें. बीज डालने के बाद मिट्टी से ढक दें. बता दें कि डिबलिंग विधि से बीजों की बुवाई करना एक पारंपरिक तरीका है.
क्या हैं इस विधि के फायदे
डिबलिंग विधि से बीजों की बुवाई करने से बीजों को एक निश्चित गहराई पर बोया जाता है जिससे अकुरण बेहतर तरीके से होता है. पौधों के बीच पर्याप्त दूरी होने के कारण पौधों को बेहतर हवा, धूप और पोषण मिलता है. साथ ही बीज की बर्बादी भी नहीं होती है. इस विधि की खासियत ये है कि इस विधि में मशीन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे किसानों के समय और मेहनत दोनों की बचत होगी.
इन फसलों के लिए सही है ये विधि
डिबलिंग विधि का इस्तेमाल किसान कई तरह की फसलों में किया जाता है. इनमें मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, कपास, बेल वाली सब्जियां, सूरजमुखी और अरहर की फसलें शामिल हैं. डिबलर विधि में किसान खेद में छेद या गड्ढा बनाने के लिए मशीन या लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं. छोटे किसान हाथ से गड्ढा बना सकते हैं. इसके अलावा किसान डिबलिंग विधि में सीड प्लांटर मशीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.