मॉनसून से पहले आई बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. जबकि, सरकारी अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. शुक्रवार की सुबह यूपी, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में सुबह से शुरू हुई तेज बारिश ने कहर बरपाया है. कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं तो कई यूपी में खेतों गेहूं के गट्ठर पानी से भीग गए हैं. जबकि, कुछ इलाकों में खड़ी फसल और भूसा भी बारिश से बर्बाद हो गया है. हरियाणा में बारिश के झज्जर, चरखी दादरी समेत कई मंडियों में जलभराव हो गया है. इससे वहां जमा गेहूं समेत दूसरा अनाज पानी में डूब गया है.
झज्जर मंडी में कई हजार टन अनाज पानी में डूबा
हरियाणा में बारिश से मंडियों में रखा गेहूं अनाज पानी में डूब गया है. झज्जर में भारी बारिश के कारण झज्जर अनाज मंडी में रखा अनाज पानी में डूब गया. मंडी में जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से गेहूं और दूसरे अनाज से भरे कई सौ बोरे पानी में डूब गए. वहीं, चरखी दादरी में भारी बारिश के चलते चरखी दादरी अनाज मंडी में रखे अनाज को नुकसान पहुंचा है.
#WATCH चरखी दादरी (हरियाणा): भारी बारिश के कारण चरखी दादरी अनाज मंडी में पड़े अनाज को नुकसान पहुंचा है। pic.twitter.com/3gzK4VZQBw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 2, 2025
मंडियों में उठान नहीं होने से किसानों को नुकसान
किसान नेता लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि सिरसा जिले में भी बारिश से जलभराव की समस्या हुई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है और किसानों का अनाज मंडियों में जमा है. हरियाणा में मंडियों मे गेहूं की उठान नहीं होने से बारिश में अनाज भीग गया है. कुछ मंडियों में तो अनाज पानी में डूबा हुआ है.
यूपी के कई हिस्सों में गेहूं की फसल को नुकसान
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रदेश सचिव निसार मेहंदी ने बताया कि बीते दिन ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि हालांकि, इस इलाके में अब ज्यादातर गेहूं की कटाई हो चुकी है. 5 फीसदी से भी कम गेहूं खेतों में बचा है. हालांकि, राज्य के अन्य हिस्सों में अभी भी कई जगह गेहूं की फसल खेतों में है और बारिश ने उन किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
तरबूज और खरबूजे की फसल को नुकसान
किसान नेता ने कहा कि तरबूज और खरबूजे की फसल को नुकसान होगा. क्योंकि, यह बारिश तरबूज और खरबूजे की मिठास को घटाएगी और उत्पादन में भी गिरावट आएगी. उन्होंने बताया कि घाघरा नदी से जुड़े बाराबंकी समेत अन्य इलाकों में खरबूजा और तरबूज की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि, फसल आनी शुरू हुई है और इस बारिश से क्वालिटी डाउन होगी, जबकि फल के सड़ने का खतरा भी बढ़ जाएगा.