Farming tips: आज के दौर में नई और लाभदायक फसलों की तलाश किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गई है. अगर आप भी कम जमीन में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ब्रसेल्स स्प्राउट्स आपकी राह आसान बना सकती है. यह पत्तागोभी जैसी दिखने वाली सब्जी पौष्टिक होने के साथ-साथ बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती है और कम जगह में ज्यादा उत्पादन देती है.
क्या है ब्रसेल्स स्प्राउट्स?
ब्रसेल्स स्प्राउट्स एक ऐसा पौधा है, जिसमें एक ही तने पर कई छोटी-छोटी गोभी जैसी गांठें लगती हैं. इन गांठों को काटने पर भी छोटे-छोटे गोभी की तरह ही देखा जा सकता है. इसे लोग छोटी गोभी के नाम से भी जानते हैं. इस सब्जी की पौष्टिकता बहुत ज्यादा है, क्योंकि इसमें विटामिन ‘सी’, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है. यह वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार मानी जाती है.
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती कैसे करें
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. बुवाई के लिए लगभग 500 ग्राम बीज की जरूरत होती है. इसे फरवरी या मार्च में बोना सबसे सही रहता है, और अप्रैल-मई से जून तक इसकी फसल मिलने लगती है. यदि सही तरीके से खेती की जाए, तो इसे दोबारा भी बोया जा सकता है.
खेती के लिए सबसे पहले खेत में छोटी-छोटी मेड बनानी होती है. मेड से मेड की दूरी लगभग 60 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर रखी जाती है.
मिट्टी में अच्छी तरह गोबर की खाद मिलाएं और यूरिया डालकर जुताई करें. इसके बाद बीज बोने की प्रक्रिया शुरू करें. पौधों की कटाई लगभग 90 दिन बाद शुरू होती है, और यह मार्च तक जारी रहती है.
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की किस्में और फायदे
ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती के लिए बाजार में कुछ प्रमुख किस्में उपलब्ध हैं, जैसे:
- रूबीन (Rubin)
- हिल्ड्सआइडियल (Hildsideal)
- जेड क्रॉस (Z Cross)
इन किस्मों से किसान कम जमीन में ज्यादा उपज प्राप्त कर सकते हैं. बाजार में ब्रसेल्स स्प्राउट्स की कीमत लगभग 600 से 700 रुपये प्रति किलो होती है, जिससे यह फसल नकदी फसल मानी जाती है. छोटे खेत में भी इसे उगाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
स्वास्थ्य और पोषण के लाभ
ब्रसेल्स स्प्राउट्स केवल कमाई का जरिया ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं. यह वजन नियंत्रण में मदद करता है, फाइबर का अच्छा स्रोत है और शरीर के लिए आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करता है. विटामिन ‘सी’ की उच्च मात्रा के कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है. साथ ही, साबुत अनाज के साथ खाने पर यह सम्पूर्ण प्रोटीन का स्रोत भी बन जाता है.
कुल मिलाकर, ब्रसेल्स स्प्राउट्स की खेती किसानों के लिए आर्थिक और पोषण दोनों तरीकों से फायदेमंद साबित हो सकती है. अगर सही समय पर बुवाई, उचित देखभाल और बाजार की समझ के साथ इसे उगाया जाए, तो यह फसल कम समय में अधिक लाभ दे सकती है. किसानों के लिए यह नई फसल न केवल आमदनी बढ़ाने का मौका देती है, बल्कि उन्हें खेती में विविधता और स्थिरता भी प्रदान करती है.