नकली कीटनाशक बेचा तो खैर नहीं..कृषि मंत्री का कीटों से फसलों को बचाने पर जोर

बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने पौधा संरक्षण योजना की समीक्षा की, जिसमें कीट-व्याधियों से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए गए. इसका उद्देश्य किसानों को जागरूक कर कीटनाशकों के सही उपयोग को बढ़ावा देना है.

Kisan India
नोएडा | Published: 9 Apr, 2025 | 07:18 PM

किसानों के हित में एक और बड़ी पहल करते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने 9 अप्रैल 2025 को कृषि भवन पटना स्थित कार्यालय में पौधा संरक्षण से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने किसानों को कीट दिकक्तों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि खेती में कीटों और बीमारियों से फसलें काफी प्रभावित होती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है. ऐसे में समय रहते सावधानी और जागरूकता बेहद जरूरी है.

कीटों से बचाव की जानकारी पाएंगे किसान

डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को कीटों के प्रकोप से पहले ही सचेत करने के लिए पूर्वानुमान आधारित सूचनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए. इसके लिए रेडियो, समाचार पत्रों, सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया जाए ताकि समय पर सूचना किसानों तक पहुंचे और वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें.

पंचायत स्तर तक लगाए जाएं होर्डिंग और बैनर

कृषि मंत्री ने कहा कि पौधा संरक्षण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए. इसके लिए पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर के सरकारी कार्यालयों में होर्डिंग और बैनर लगाए जाएं. इन प्रचार सामग्रियों में कीटनाशकों के सही उपयोग, सुरक्षा उपायों, और सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि किसान जागरूक होकर सही निर्णय ले सकें.

विक्रेताओं को ट्रेनिंग मिलेगी

कृषि मंत्री ने जोर दिया कि किसान सबसे पहले कीटनाशी दुकानों से संपर्क करते हैं, इसलिए जरूरी है कि विक्रेताओं को कीटनाशकों के वैज्ञानिक उपयोग, दुष्प्रभाव और कीटों की पहचान की जानकारी दी जाए. इसके लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम किए जाएं. साथ ही दुकानों पर सरकारी योजनाओं से संबंधित बैनर और पोस्टर लगाए जाएं ताकि किसानों को वहां से भी सही जानकारी मिल सके.

क्वालिटी खराब होने पर कार्रवाई

डिप्टी सीएम ने कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण कीटनाशक ही मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर नियुक्त कीटनाशी निरीक्षकों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी. उन्हें निर्देश दिया गया कि वे समय-समय पर दुकानों का निरीक्षण करें, संदेहास्पद कीटनाशकों के नमूने लेकर उनका परीक्षण करवाएं. अगर किसी उत्पाद में खराबी पाई जाती है तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए. इससे किसानों को नुकसान से बचाया जा सकेगा और पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी.

प्रतिबंधित कीटनाशकों पर सख्ती

कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री पर पूरी तरह रोक होनी चाहिए. इसके लिए छापामारी अभियान चलाकर ऐसे उत्पादों की जांच की जाए और कीटनाशी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए. किसानों के स्वास्थ्य और मिट्टी की गुणवत्ता की रक्षा के लिए यह कदम बेहद जरूरी है.

किसानों की सेहत और फसल दोनों सुरक्षित

माननीय उप मुख्यमंत्री का मानना है कि पौधा संरक्षण योजनाएं न केवल फसल की पैदावार बढ़ाने में मददगार होंगी, बल्कि किसानों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाएंगी. कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से जहां एक ओर किसानों की सेहत पर असर पड़ता है, वहीं दूसरी ओर जैव विविधता और मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है। इसलिए कीटनाशकों का वैज्ञानिक और संतुलित उपयोग ही समाधान है.

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