किसानों को मशरूम उगाने की मुफ्त ट्रेनिंग दे रही सरकार, यूनिट लगाने पर सब्सिडी के साथ पैसा भी मिल रहा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार से जोड़ने और किसानों की कमाई बढ़ाने के इरादे से मशरूम की खेती की मुफ्त ट्रेनिंग देने की शुरूआत कर दी गई है. 

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 31 Dec, 2025 | 06:01 PM

किसानों और खेतिहर मजदूरों की कमाई बढ़ाने के लिए व्यावसायिक खेती और उन्नत फसलों की ट्रेनिंग दी जा रही है. बिहार सरकार ने ग्रामीण कौशल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवक एवं युवतियों को भी रोजगार से जोड़ने के इरादे से ट्रेनिंग देने की शुरुआत कर दी है. सबसे पहले मशरूम की खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है. सरकार की पहल से यह ट्रेनिंग पूरी तरह मुफ्त है. इसके बाद बागवानी फसलों और मसाला फसलों की खेती की ट्रेनिंग भी किसानों और ग्रामीणों की दी जानी है.

मशरूम यूनिट लगाने के लिए पैसा देगा पीएनबी

बिहार सरकार ने ग्रामीण कौशल योजना के तहत मशरूम की खेती के लिए यूनिट लगाने और पैदावार से लेकर बिक्री तक की ट्रेनिंग कार्यक्रम गया समेत अन्य जिलों में शुरू किया गया है. इस योजना के तहत मनरेगा श्रमिकों को भी 10 दिवसीय निशुल्क मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. ट्रेनिंग के बाद इच्छुक किसानों, ग्रामीण युवक और युवतियों को यूनिट लगाने के लिए बिहार सरकार की मदद से पंजाब नेशनल बैंक की ओर से वित्तीय मदद भी दी जाएगी.

मनरेगा श्रमिकों आर्थिक स्थिति सुधरेगी

पंजाब नेशनल बैंक आरसेटी के निदेशक जन्मजय कुमार ने कहा कि ग्रामीण कौशल योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिला एवं पुरुष श्रमिकों को ऐसे व्यावसायिक कौशल से जोड़ना है, जिससे वे बेहतर आजीविका प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिकों द्वारा इस तकनीक को सीखना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा. साथ ही प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागियों को लोन देने का भी प्रावधान है, जो सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है.

मशरूम यूनिट लगाने का खर्च कितना होगा

मशरूम यूनिट लगाने का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि किस स्तर (छोटा, मध्यम या व्यावसायिक) पर उत्पादन करना चाहते हैं और कौन-सी किस्म का मशरूम ऑयस्टर, बटन, मिल्की आदि उगाया जाएगा.

ऑयस्टर या मिल्की मशरूम उगाने के लिए घरेलू और शुरुआती स्तर पर छोटी यूनिट लगाने के लिए 50 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है. इस यूनिट में 20 क्विंटल सालाना मशरूम उत्पादन किया जा सकता है. शुरूआती यूनिट में एक कमरा या शेड लगाया जाता है और इसमें रैक, पॉलीबैग, स्पॉन (बीज), कच्चा माल, पानी-बिजली आदि का खर्च भी शामिल होता है. इसी तरह अगर मध्यम स्तर की यूनिट लगाई जाए, जिसका सालाना मशरूम उत्पादन 100 क्विंटल हो तो उसका खर्च 3 लाख रुपये तक आ सकता है.

बिहार सरकार यूनिट लगाने पर दे रही 90 फीसदी तक तक सब्सिडी

बिहार सरकार मशरूम यूनिट लगाने पर सब्सिडी 60 से 90 फीसदी तक किसानों को दे रही है. मशरूम यूनिट लगाने के लिए किसान नजदीक कृषि विभाग के कार्यालय या उद्यान विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. आवेदन के लिए किसान के पास अपनी जमीन या शेड लगाने के लिए स्थान होना जरूरी होती है.

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Published: 31 Dec, 2025 | 05:52 PM

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