महाराष्‍ट्र में गन्‍ना किसान कर रहे AI का प्रयोग, एलन मस्‍क ने कही यह बड़ी बात

महाराष्‍ट्र में एक एकड़ के एआई-असिस्‍टेड जमीन पर पहले से ही हरियाली और ज्‍यादा एकरूपता वाली फसलें देखी गई हैं. रिसर्च से पता चलता है कि एआई-संचालित खेती फसल चक्र को 18 से 12 महीने तक छोटा कर सकती है.

Kisan India
Agra | Published: 8 Mar, 2025 | 09:46 AM

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन सत्य नडेला ने सोमवार को एक्स पर महाराष्‍ट्र के बारामती के कुछ किसानों का एक वीडियो शेयर किया था. इस वीडियो में किसान बढ़ती जलवायु चुनौतियों के बीच फसल की पैदावार को अनुकूलित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रहे हैं. अब इस वीडियो पर स्‍पेसएक्‍स और टेस्‍ला के मालिक एलन मस्‍क ने प्रतिक्रिया दी है. मस्‍क ने अपने मालिकाना हक वाली साइट एक्‍स पर इस बारे में एक बड़ा बयान दिया है.

क्‍या है नडेला के वीडियो

नडेला ने जो वीडियो शेयर किया उसके कैप्शन में लिखा, ‘कृषि में एआई के प्रभाव का एक शानदार उदाहरण.’ वीडियो में महाराष्‍ट्र के एक किसान को दिखाया गया है, जिसने गन्‍ने की खेती में एआई- पॉवर्ड इनसाइट को इंटीग्रेट करने के लिए कृषि विकास ट्रस्ट (एडीटी) बारामती के साथ पार्टनरशिप की है. Microsoft की AI टेक्निक का प्रयोग करते हुए, खेत पर एक मौसम स्टेशन तापमान, मिट्टी की नमी और पोषक तत्वों पर रीयल टाइम डेटा कलेक्‍ट करता है.

क्‍या है AI का मकसद

सैटेलाइट इमेजरी और ऐतिहासिक रुझानों के साथ संयुक्त इस डेटा को Microsoft के Azure Data Manager for Agriculture के जरिये से प्रोसेस किया गया है. यह मोबाइल ऐप के माध्यम से आसान और डेली रेकेमेंडेशंस मुहैया कराता है. इसका मकसद एक सटीक रिसोर्स मैनेजमेंट है- फसल के समय सुक्रोज की मात्रा को अधिकतम करने के लिए केवल आवश्यक होने पर ही पानी, उर्वरक और कीट नियंत्रण का उपयोग करना.

सत्‍य नडेला ने सोमवार को यह ट्वीट किया था. इसके जवाब में एलन मस्क ने कहा, ‘एआई सब कुछ बेहतर कर देगा.’ मस्क ओपनएआई के को-फाउंडर्स में से एक हैं. लेटेस्‍ट एआई चैटबॉट ग्रोक 3 भी एलन मस्क के मालिकाना हक वाली xAI का ही है.

क्‍या हुआ AI का फायदा

टेक्‍नोलॉजी के प्रयोग के चलते महाराष्‍ट्र में एक एकड़ के एआई-असिस्‍टेड जमीन पर पहले से ही हरियाली और ज्‍यादा एकरूपता वाली फसलें देखी गई हैं. रिसर्च से पता चलता है कि एआई-संचालित खेती फसल चक्र को 18 से 12 महीने तक छोटा कर सकती है. जबकि डंठल का वजन 40 फीसदी तक और सुक्रोज की उपज 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. यह सब पानी और उर्वरक के कम उपयोग के साथ होता है.

एडीटी बारामती ने अपने 2024 कृषि महोत्सव में एआई-संचालित खेती की शुरुआत की. इसमें टमाटर और भिंडी जैसी फसलों की एआई-असिस्‍टेड खेती का प्रदर्शन किया गया. इस अवधारणा को ‘भविष्य का खेत’ कहा गया. इसने लोगों की काफी दिलचस्पी जगाई जिसमें 20,000 किसानों ने रजिस्‍ट्रेशन कराया है. माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी में एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि 1000 किसानों पर शुरुआती परीक्षण जारी है जिसमें से 200 पहले ही एआई-निर्देशित गन्‍ना लगा चुके हैं.

माइक्रोसॉफ्ट के फार्मवाइब्स.एआई और ओपनएआई सर्विस द्वारा संचालित यह तकनीक जटिल डेटा को एग्रीपायलट.एआई ऐप के माध्यम से मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में कार्रवाई योग्य सलाह में बदल देती है. एडीटी अधिकारियों का मानना ​​है कि एआई भारत में छोटे किसानों की खेती में क्रांति ला सकता है, आर्थिक जोखिम कम कर सकता है और उत्पाद में सुधार कर सकता है.

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Published: 8 Mar, 2025 | 09:46 AM

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