जानवरों में कैल्शियम की कमी से बढ़ता खतरा, समय पर पहचानें लक्षण और अपनाएं बचाव के उपाय

अगर आप अपने पशुओं को रोजाना कैल्शियम नहीं देते, तो इसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन पर पड़ता है. कैल्शियम की कमी से जानवरों में कमजोरी, थकान और गर्भधारण की दिक्कतें बढ़ जाती हैं. समय रहते सावधानी बरतें और पशु को स्वस्थ रखें.

Kisan India
नोएडा | Published: 21 Oct, 2025 | 10:30 PM

Animal Health : क्या आपने कभी सोचा है कि जैसे हमें शरीर के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, वैसे ही पशुओं को भी होती है? बहुत से किसान या पशुपालक अपने जानवरों को भरपूर चारा तो देते हैं, लेकिन उनमें कैल्शियम की कमी रह जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि धीरे-धीरे पशु कमजोर पड़ने लगते हैं, दूध कम देने लगते हैं और कई बार तो खड़े होने तक की ताकत नहीं बचती. अगर आप चाहते हैं कि आपका गाय, भैंस या बकरी लंबे समय तक स्वस्थ और उत्पादक रहे, तो उसके भोजन में रोजाना कैल्शियम शामिल करना बेहद जरूरी है.

हर दिन दें पशु को सही मात्रा में कैल्शियम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पशुओं को रोजाना थोड़ी मात्रा में कैल्शियम देना चाहिए, ताकि उनके शरीर में पोषण  की कमी न हो. हर दिन लगभग 50 मिलीलीटर कैल्शियम देना चाहिए. इसके साथ ही 50 ग्राम खनिज मिश्रण (Mineral Mixture) भी देना जरूरी है. अगर ऐसा नियमित किया जाए, तो पशु न सिर्फ ज्यादा दूध देंगे बल्कि गर्भपात की संभावना भी बहुत कम हो जाती है. कई किसान इसे चारे में मिलाकर देते हैं, जिससे पशु आसानी से इसे खा लेते हैं और शरीर में इसका असर तुरंत दिखने लगता है.

कैल्शियम की कमी के लक्षण- पहचानना है जरूरी

पशुओं में कैल्शियम की कमी धीरे-धीरे शरीर पर असर डालती है, लेकिन इसके शुरुआती लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है. ऐसे पशु पेट और गर्दन मोड़कर बैठने लगते हैं, उनका शरीर ठंडा महसूस होता है और उनमें सुस्ती या थकान  बढ़ जाती है. कई बार वे बार-बार लेट जाते हैं या उठने में परेशानी महसूस करते हैं. दूध देने वाले पशुओं में दूध की मात्रा अचानक कम हो जाती है, जो सबसे स्पष्ट संकेत है. अगर आपके पशु में ऐसे लक्षण नजर आएं, तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें और कैल्शियम की कमी को पूरा करें.

कैल्शियम की कमी से होने वाले नुकसान

कैल्शियम की कमी पशुओं  के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है. अगर समय पर इसकी पूर्ति न की जाए, तो दूध उत्पादन में भारी कमी आ जाती है और पशु कमजोर पड़ने लगते हैं. उनकी मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, जिससे वे काम करने में असमर्थ हो जाते हैं. रक्त प्रवाह धीमा पड़ता है, जिससे शरीर में थकान और कमजोरी बढ़ती है. गर्भधारण में परेशानी आती है और कभी-कभी गर्भपात भी हो सकता है. हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं, जिससे पशु जल्दी बूढ़े लगने लगते हैं. इन सबका असर सीधा पशुपालक की आमदनी और उत्पादन पर पड़ता है.

कैल्शियम खिलाने के फायदे- सेहत और उत्पादन दोनों बढ़ेंगे

अगर आप अपने पशुओं को रोज़ाना कैल्शियम देते हैं, तो उनके शरीर में ऊर्जा और ताकत बनी रहती है. इससे पशु लंबे समय तक स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं. दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है. मादा पशु आसानी से गर्भधारण कर लेती है और काम करने में थकान महसूस नहीं करती. साथ ही, मौसम में बदलाव जैसे गर्मी या ठंड का असर भी पशुओं पर कम होता है. कैल्शियम देने का सबसे आसान तरीका है कि इसे रोज़ के चारे में मिला दें, ताकि पशु आसानी से खा सकें और शरीर में पोषण का संतुलन बना रहे.

किसान क्या करें- अपनाएं ये आसान उपाय

पशुओं की सेहत  बनाए रखने के लिए कुछ सरल लेकिन जरूरी उपाय अपनाना बहुत फायदेमंद होता है. उनके खाने में रोज़ाना कैल्शियम सिरप या पाउडर मिलाएं ताकि हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहें. हर छह महीने में पशु की स्वास्थ्य  जांच कराना न भूलें. दूध देने वाले पशुओं को संतुलित और पोषणयुक्त आहार देना चाहिए ताकि उत्पादन बढ़े. साथ ही, पशु के रहने की जगह हमेशा साफ और सूखी रखें ताकि संक्रमण न फैले. गर्भवती पशुओं को डॉक्टर की सलाह से अतिरिक्त पोषण दें. इन उपायों से पशु लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन में भी वृद्धि होती है.

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Published: 21 Oct, 2025 | 10:30 PM

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