जायद और खरीफ दोनों सीजन में उगा सकते हैं ये सब्जी, सेहत के लिए है फायदेमंद

बीज रोपाई के पहले जरूरी है कि आप बीज को उपचार कर लें. 2.5 ग्राम धानुका विटावॉक्स पॉवर प्रति किलो बीज का उपचार करें और जब बीज अच्छे से सूख जाए तब ही बुवाई करें.

नोएडा | Updated On: 25 May, 2025 | 08:49 PM

करेला एक ऐसी सब्जी है जिसे खाने से स्वास्थ्य से जुड़े बहुत से फायदे होते हैं. साथ ही करेला की खेती जायद और खरीफ दोनों ही सीजनों में की जा सकती है. करेले की खेती करना आसान है. इसकी खेती से किसानों को भी काफी फायदा होता है. इसके साथ ही यह एक ऐसी फसल है जो कि कम समय में ज्यादा पैदावार देती है. तो चलिए बात कर लेते हैं कि कैसे होती है करेले की खेती और किसानों को किन बातों का रखना चाहिए खास ध्यान.

ऐसे तैयार करें खेत

करेले की खेती करने से पहले जरूरी है कि किसान खेत को अच्छे से तैयार कर लें. इसके लिए किसान सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई करें. इसके बाद खेत से जल निकासी की अच्छे से व्यव्स्था करें ताकि पानी खेत में जमा न हो सके. अगर आप करेले की खेती मल्चिंग तकनीक से कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप बेड बनाएं और उस पर पन्नी बिछाएं. खेत तैयार करने के बाद बारी आती है बीज रोपाई की . बीज रोपाई के पहले जरूरी है कि आप बीज को उपचार कर लें. 2.5 ग्राम धानुका विटावॉक्स पॉवर प्रति किलो बीज का उपचार करें और जब बीज अच्छे से सूख जाए तब ही बुवाई करें.

पौधों के बीच रखें 2 फीट की दूरी

खेत तैयार करते समय जिस बेड को बनाकर उसपर पन्नी बिछाई गई थी. उस पन्नी पर करीब 1 से 1.5 फीट की दूरी पर छेद करें और उसके बाद बीज बोएं. करेले की फसल की बुवाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पोधे के बीच की दूरी कम से कम 2 फीच हो. इस प्रक्रिया के बाद जब पौधे थोड़े बड़े होने लगें तो उसकी समय-समय पर सिंचाई करें . बता दें कि करेले के पौधे को 6 से 8 घंटे धूप की जरूरत होती है. करेले की अच्छी उपज के लिए गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल करें.

सही समय पर करें फसल की कटाई

करेले की फसल को तैयार होने में करीब 55 से 60 दिन का समय लगता है. किसान ध्यान रखें कि एक बार फसल पूरी तरह फसल पकने पर ही फलों की कटाई करें. फलों को काटने के बाद उन्हें अच्छे से सुखाएं , उसके बाद उसमें से बीज निकालें. करेले की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए जरूरी है कि समय-समय पर फसलों की निगरानी करी जाए और कीट या रोग लगने पर समय रहते उसका उपचार किया जाए.

 

Published: 26 May, 2025 | 09:00 AM