मुख्यमंत्री मांझी का तोहफा: नुआखाई से पहले किसानों के खाते में पहुंचे 1,041 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री-किसान योजना (CM-KISAN) के तहत उन्होंने 51 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में कुल  1,041 करोड़ रुपये की राशि सीधे जमा कराई. इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आगामी रबी सीजन की फसल तैयारियों में मदद देना है.

नई दिल्ली | Published: 28 Aug, 2025 | 11:59 AM

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने नुआखाई के अवसर पर किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. मुख्यमंत्री-किसान योजना (CM-KISAN) के तहत उन्होंने 51 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में कुल  1,041 करोड़ रुपये की राशि सीधे जमा कराई. इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आगामी रबी सीजन की फसल तैयारियों में मदद देना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और विविध खेती के विकल्प अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगा.

किसानों को मिली आर्थिक मदद

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी, जो मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसान हैं, को आगामी रबी फसल के लिए 2,000 रुपये की आर्थिक मदद मिली. इस योजना में योग्य किसानों को सालाना कुल 4,000 रुपये दो किस्तों में मिलते हैं- पहली अक्षय तृतीया के समय और दूसरी नुआखाई के समय.

तीसरी किस्त जून 2024 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मांझी सरकार की ओर से जारी की गई. राशि सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में जमा की गई.

योजना का विस्तार और लाभ

पूर्व सरकार के समय कालीआ योजना (KALIA Scheme) के तहत 46 लाख किसानों को सालाना 4,000 रुपये मिलते थे. भाजपा सरकार बनने के बाद इस योजना का नाम CM-KISAN रखा गया और इसमें 5 लाख और किसानों को शामिल किया गया.

मुख्यमंत्री मांझी ने कहा, “हम किसानों की आय को सिर्फ दोगुना नहीं बल्कि कई गुना बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए हम अलग-अलग योजनाओं पर काम कर रहे हैं. किसान सिर्फ धान की खेती से अच्छी आय नहीं कमा सकते. उन्हें मत्स्य पालन, पोल्ट्री और अन्य फसलों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए.”

धान पर MSP के ऊपर बोनस

मुख्यमंत्री ने किसानों को यह भी बताया कि धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,300 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन किसानों को इसके ऊपर 800 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिल रहा है. इसका मतलब है कि वे effectively 3,100 रुपये प्रति क्विंटल कमा रहे हैं.

इसके अलावा, CM-KISAN और PM-KISAN योजनाओं के तहत किसान सालाना 10,000 रुपये और महिला किसानों को सुभद्रा योजना के तहत अतिरिक्त 10,000 रुपये मिलते हैं. इन सभी मदों को जोड़कर, पिछले 14 महीनों में किसानों की आय में औसतन 58,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.

कृषि विश्वविद्यालय में नई सुविधाओं का उद्घाटन

त्योहार के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में किसानों के लिए भवन और प्रशिक्षुओं के लिए होस्टल का उद्घाटन भी किया.

सरकार की प्रतिबद्धता

मांझी ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपनी आय बढ़ाने के लिए खेती के साथ-साथ अन्य गतिविधियों को भी अपनाएं.

संक्षेप में, मुख्यमंत्री मांझी की यह पहल किसानों को न केवल वित्तीय सहायता देती है, बल्कि उनकी आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है.