मक्का में पीलापन बीमारी फैली.. दाना हल्का होकर झड़ रहा, बचाव के लिए खेतों में उतरे वैज्ञानिक

कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग के अधिकारियों और वैज्ञानिकों को फील्ड में भेजा जा रहा है और फसलों में फैल रही बीमारी की जांच की जाएगी. किसानों को मुआवजा देने की भी बात उन्होंने कही है.

नई दिल्ली | Updated On: 22 Aug, 2025 | 10:59 AM

खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में शुमार मक्का देश के ज्यादातर हिस्सों में इस समय पकने के चरण में है. लेकिन, इस समय कई राज्यों में मक्का पर पीलेपन की बीमारी देखी जा रही है. इसमें मक्के का दाना बदरंग हो रहा है और हल्का होकर भुट्टे से झड़ने लग रहा है. जबकि, मक्का की पत्तियां हरी न होकर पीली होकर सड़ने लग रही हैं. बीमारी से फसल को काफी नुकसान का खतरा बढ़ गया है. इसकी रोकथाम के लिए कृषि वैज्ञानिकों को खेतों में भेजा जा रहा है. वहीं, किसानों को मुआवजा देने की मांग का मुद्धा विधानसभा में भी उठाया गया है.

इथेनॉल में मक्का इस्तेमाल होने समेत पशुओं के चारे और इंसानों के लिए पौष्टिक उत्पाद बनाए जाने से किसानों को मक्का का अच्छा भाव मिल रहा है. वहीं, मॉनसून में अच्छी बारिश होने और मिट्टी में नमी बरकरार रहने के चलते इस बार किसानों ने जमकर मक्का की बुवाई की है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार 18 अगस्त 2025 तक देशभर में 93 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है, जो बीते साल के कुल रकबे से करीब 10 लाख हेक्टेयर अधिक है. इस बार ज्यादा मक्का उत्पादन का भी अनुमान लगाया गया है. लेकिन, तेजी से फैल रही पीलेपन की बीमारी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

विधानसभा में गूंजा मक्का किसानों का मुद्दा

इन दिनों हिमाचल प्रदेश में मक्का की फसल पीलेपन का शिकार हो रही है, जिससे किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. बढ़ती समस्या को देखते हुए शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने सदन में शून्यकाल के दौरान मामला उठाया और सरकार से आपदा राहत विशेष पैकेज की तर्ज पर नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है. केवल सिंह पठानिया ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के अलावा प्रदेश के लाखों किसानों की मक्की और धान की फसल इस पीलेपन वायरल की शिकार हो रही है. पिछले दो तीन साल से यह बीमारी ज्यादा फैल रही है.

कृषि वैज्ञानिक जांचेंगे बीमारी, मुआवजा देगी सरकार

हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चन्द्र कुमार मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीमारी की जांच के लिए विशेषज्ञ और कृषि वैज्ञानिक भेजने और उनके आंकलन के बाद राहत देने का आश्वासन दिया है. कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग के अधिकारियों और वैज्ञानिकों को फील्ड में भेजा जा रहा है और फसलों में फैल रही बीमारी की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों की फसल का नुकसान 30 फीसदी से ज्यादा होगा तो मुआवजा आपदा विशेष राहत पैकेज के संशोधित मैनुअल के अनुसार देने पर विचार किया जाएगा.

किसानों पर वित्तीय चोट है पीलापन रोग

मक्के में पीलापन की बीमारी एक ऐसी स्थिति है जब मक्के के पौधे की पत्तियां हरी न होकर पीली या हल्के हरे रंग की हो जाती हैं. इसके बाद पत्तियां सड़ने लगती हैं. इससे पौधे का विकास रुक जाता है और भुट्टे का दाना भी सामान्य से अधिक पीला और हल्का हो जाता है. इसके नतीजे में उपज कम हो जाती है और क्वालिटी भी गिर जाती है. ऐसी स्थिति में किसानों को मक्का का सही दाम मिलना मुश्किल हो जाता है और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ जाता है.

क्यों फैला मक्का में पीलापन रोग

कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि मक्का फसल में जब पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तब पीलापन रोग फैलता है. कहा कि नाइट्रोजन और जिंक की कमी, जड़ों का मिट्टी में पकड़ न बना पाना, कीटों का प्रकोप, ज्यादा पानी या गलत खाद का इस्तेमाल भी फसल में पीलापन रोग फैलने की वजह बनता है.

Published: 22 Aug, 2025 | 10:55 AM

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