शकरकंद की फसल को खराब करता है नीले रंग का कीट, किसान जान लें बचाव का तरीका
थ्रिप्स एक ऐसा कीट है जो पत्तियों पर आक्रमण करता है. इस कीट के आक्रमण से पत्तियों पर चांदी जैसे निशान बन जाते है. जिसके कारण पौधों पर नई पत्तियां नहीं आ पाती हैं और पौधों का विकास रुक जाता है.
आज के समय में किसान ऐसी फसलों की तलाश में रहते हैं जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे सकें. ऐसी ही कई फसलों में से एक है शकरकंद. जिसे आमतौर पर मीठा आलू भी कहा जाता है. शकरकंद की खेती करना जितना आसान है, उतना ही यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. लेकिन कई बार सही जानकारी न होने के कारण या फिर किसानों की लापरवाही के कारण इसकी फसल में कीटों का आक्रमण हो जाता है जो कि फसल को नष्ट कर देते हैं. इन कीटों के आक्रमण से न केवल शकरकंद की फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानों को भी काफी नुकसान होता है .
शकरकंद तना छेदक (Sweet Potato Weevil)
शकरकंद की फसल में लगने वाला ये कीट देखने में गहरे नीले रंग का होता है. इस कीट का लार्वा कंदों और तनों पर आक्रमण कर उन्हें अंदर से खा जाता है. जिसके कारण कंदों में सुराखछ बन जाते हैं और कंदों से बदबू आने लगती है. इस कीट के आक्रमण से फसल का विकास रुक जाता है और क्वालिटी भी खराब होती है.
शकरकंद तना छेदक से शकरकंद की फसल को बचाने के लिए सबसे पहले किसान संक्रमित कंदों को अलग हटाकर निकाल दें. इसके बाद फसल पर 5 फीसदी नीम के तेल का छिड़काव करें. किसान अपने खेतों में फेरोमोन ट्रैप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
मिली बग (Mealybug)
मिली बग शकरकंद के कंदों पर आक्रमण कर उनपर सफेद चिपचिपा पदार्थ छोड़ते हैं. जिसके कारण पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और क्वालिटी पर भी असर पड़ता है. मिली बग से पौधों की रक्षा करने के लिए किसान अपनी फसल पर नीम आधारित कीटनाशक या मैलाथियॉन का छिड़काव करें. इसके अलावा किसानों को जैसे ही पौधे के किसी हिस्से में इस कीट का सक्रमण दिखे, उसे हटाकर अलग कर दें.
थ्रिप्स (Thrips)
थ्रिप्स एक ऐसा कीट है जो पत्तियों पर आक्रमण करता है. इस कीट के आक्रमण से पत्तियों पर चांदी जैसे निशान बन जाते है. जिसके कारण पौधों पर नई पत्तियां नहीं आ पाती हैं और पौधों का विकास रुक जाता है. थ्रिप्स से शकरकंद की फसल को बचाने के लिए किसान स्पिनोसेड या इमिडाक्लोप्रिड का इस्तेमाल करें. इसके अलावा किसान खेतों में नमी बना कर रखें ताकि कीटों के संक्रमण का खतरा न रहे.
समय पर करें फसलों का निरीक्षण
कई अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फसलों पर कीटों का आक्रमण हो जाना आम बात है, लेकिन किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि कीटों के संक्रमण के बारे में सारी जानकारी रखना और समय रहते कीटों से बचाव के उपाय करें. इसके लिए जरूरी है कि किसान समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें और जैविक कीटनाशक जैसे ट्राइकोडर्मा और नीम की खली का इस्तेमाल करें.