भारत में जब भी दूध की बात होती है तो सबसे पहले गाय या भैंस का नाम लिया जाता है. लेकिन अब गधी का दूध भी चर्चा में है. गधी रोजाना सिर्फ आधा लीटर दूध देती है, फिर भी इसका दूध अमीरों की पहली पसंद बनता जा रहा है. इसकी वजह है, इसमें मौजूद पोषक तत्व और स्किन से लेकर सेहत तक मिलने वाले जबरदस्त फायदे. हैरानी की बात ये है कि इसकी कीमत गाय-भैंस के दूध से 70 से 75 गुना ज्यादा होती है. तो आखिर क्या है इस दूध की असली ताकत?
विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर
गधी का दूध सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं. मीडिया की एक रिपोर्ट की माने तो इसमें विटामिन A, B1, B2, D और E अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, टॉरिन और शरीर को जल्दी बूढ़ा होने से बचाने वाले गुण भी होते हैं. इसी वजह से यह दूध स्किन और सेहत दोनों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.
स्किन के लिए वरदान बना गधी का दूध
गधी का दूध चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने में भी मददगार होता है. इसमें मौजूद प्राकृतिक गुण स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं, झुर्रियों को कम करते हैं और चेहरे पर नमी बनाए रखते हैं. यही कारण है कि कई कॉस्मेटिक कंपनियां गधी के दूध से बने प्रोडक्ट्स बनाकर बाजार में बेच रही हैं, जिनकी मांग अमीरों में तेजी से बढ़ रही है.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
यह दूध पाचन को दुरुस्त करता है और श्वसन संबंधी बीमारियों से राहत देता है. इतना ही नहीं, इसमें फैट की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे यह वजन बढ़ाने की बजाय पोषण देता है. इसके अलावा, आंखों और दांतों की सेहत के साथ-साथ यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी बेहतर बनाने में मदद करता है.
दूध से महिने भर में लाखों की कमाई
गाय या भैंस एक दिन में जहां 15 से 30 लीटर दूध देती हैं, वहीं गधी सिर्फ आधा लीटर दूध देती है. इसके बावजूद इसका रेट करीब 5 हजार से 8 हजार रुपये प्रति लीटर तक जाता है. इसके अलावा, जो लोग डंकी फार्मिंग(Donkey Farming) कर रहे हैं, वे हर महीने 1 से 2 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. यही वजह है कि कम जगह में शुरू किया जा सकने वाला यह काम, अब छोटे किसानों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
भारत में बढ़ती मांग और बाजार
भारत, चीन और पाकिस्तान मिलकर एशिया में गधी के दूध और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स का सबसे बड़ा बाजार बनते जा रहे हैं. खासकर मेडिसिन और ब्यूटी इंडस्ट्री में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. इससे जुड़े स्टार्टअप्स भी सामने आ रहे हैं जो इसे प्रोसेस करके क्रीम, साबुन और दवाओं में इस्तेमाल कर रहे हैं.