सुबह दूध निकालें.. ज्यादा पाएं मुनाफा, जानिए गाय-भैंस से दूध निकालने का सही समय और तरीका

गाय-भैंस से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए सही समय सुबह होता है. दूध निकालते वक्त सफाई, शांत वातावरण और सही विधि अपनाना जरूरी है. इससे न केवल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि पशु भी स्वस्थ रहते हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 17 Aug, 2025 | 02:37 PM

भारत के ग्रामीण इलाकों में गाय-भैंस पालन सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि रोजी-रोटी का मजबूत सहारा है. दूध से घर की ज़रूरतें पूरी होती हैं और अतिरिक्त दूध बेचकर आमदनी भी होती है. लेकिन बहुत से पशुपालक यह नहीं जानते कि गाय-भैंस से अधिक मात्रा में दूध पाने के लिए सिर्फ चारा-पानी नहीं, बल्कि दूध निकालने का सही समय और तरीका भी बेहद अहम है. अगर आप भी पशुपालन से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इस लेख में दिए गए सुझावों को जरूर अपनाइए.

दूध निकालने का सबसे सही समय कौन-सा है?

विशेषज्ञों के अनुसार सुबह का समय दूध निकालने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. जब रातभर पशु विश्राम करते हैं, तो उनके थनों में दूध अच्छी तरह से जमा हो जाता है. सुबह सूरज निकलने के थोड़ी देर बाद, यानी 5:30 से 7:30 बजे के बीच, दूध निकालना सबसे फायदे का सौदा होता है. सुबह तक पशु का रात का खाना भी पच चुका होता है, जिससे शरीर में दूध उत्पादन अधिक होता है. वहीं, शाम के समय, पशु थके हुए रहते हैं, जिससे दूध कम निकलता है.

दूध निकालते समय साफ-सफाई का रखें खास ध्यान

दूध निकालने से पहले पशु के थनों की सफाई करना बहुत जरूरी है. इसके लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें. साफ थन संक्रमण के खतरे को कम करते हैं और दूध भी स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनता है. साथ ही, दूध निकालने के बाद थनों में एंटीसेप्टिक क्रीम जरूर लगाएं ताकि किसी तरह का जख्म या इन्फेक्शन न हो.

पशु को दें शांत और आरामदायक वातावरण

दूध निकालते समय पशु को तनावमुक्त माहौल मिलना चाहिए. शोर-शराबा, डर या गड़बड़ी से पशु घबरा जाते हैं, जिससे दूध रुक जाता है या कम हो जाता है. आपका व्यवहार भी नरम और शांतिपूर्ण होना चाहिए। प्यारे शब्दों में बात करें, धीरे-धीरे थन को छुएं, और किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें.

दूध निकालने की सही विधि अपनाएं

दूध निकालते समय पशु के थनों को धीरे और हल्के हाथों से दबाना चाहिए. जोर से खींचने या झटके देने से थनों को चोट लग सकती है, जिससे भविष्य में दूध उत्पादन प्रभावित हो सकता है. यदि आप मशीन का उपयोग कर रहे हैं, तो उसकी स्पीड और प्रेशर का विशेष ध्यान रखें. तेज प्रेशर या लंबे समय तक मशीन चलाने से थनों में सूजन या चोट हो सकती है. हर पशु की शारीरिक क्षमता अलग होती है, इसलिए उसे जरूरत से ज्यादा थकाना ठीक नहीं. सही तरीका अपनाने से पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध भी अधिक मात्रा में मिलता है.

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Published: 17 Aug, 2025 | 02:37 PM

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