मछली पालन का सही तरीका क्या है? इन 6 बातों को अपनाया तो Fish Farming से खूब होगी कमाई

मछली पालन से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है. इसके लिए बस तैयारी सही होनी चाहिए.

नोएडा | Updated On: 9 Jul, 2025 | 10:06 PM

अगर आप कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं तो मछली पालन आपके लिए एक बेहतरीन मौका है. लेकिन इसे बिना तैयारी शुरू करना घाटे का सौदा बन सकता है. सही मौसम, मिट्टी, तालाब की सफाई और पानी की व्यवस्था जैसे कुछ जरूरी नियमों का पालन कर लिया जाए तो मछली पालन आपकी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकता है. चाहे तालाब नया हो या पुराना, सही तरीके अपनाकर आप इसे कमाई का जरिया बना सकते हैं.

1. जुलाई-अगस्त में करें मछली पालन की शुरुआत

अगर आप मछली पालन  शुरू करना चाहते हैं, तो जुलाई और अगस्त का महीना सबसे सही समय माना जाता है. इस दौरान मौसम न तो बहुत गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा, जिससे पानी का तापमान मछलियों के विकास के लिए अनुकूल बना रहता है. इन महीनों में अगर मत्स्य बीज डाला जाए तो मछलियों की ग्रोथ तेज होती है और बीमारियों का खतरा भी कम रहता है.  यही वजह है कि ज्यादातर किसान इसी समय पालन की शुरुआत करते हैं.

2. मछली पालन से पहले करें जमीन का चुनाव

मछली पालन की शुरुआत से पहले जमीन का सही चयन करना बहुत जरूरी होता है. अगर आप अपनी ही जमीन पर तालाब बनाकर मछली पालन करना चाहते हैं तो सबसे पहले मिट्टी की जांच जरूर करवा लें. अच्छी मिट्टी पानी को रोककर रखती है और मछलियों को सही वातावरण देती है. अगर मिट्टी खराब होगी तो पानी टिका नहीं रहेगा और मछलियों की ग्रोथ पर असर पड़ेगा. मिट्टी की क्वालिटी ही मछली पालन की सफलता तय करती है.

3. दोमट मिट्टी है मछली पालन के लिए सबसे सही

हर तरह की मिट्टी में मछली पालन नहीं किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीपेज वाली, बलुई या ज्यादा रेतीली मिट्टी में पानी टिकता नहीं है, जिससे मछलियों की सही ग्रोथ नहीं हो पाती. ऐसे तालाब जल्दी सूख जाते हैं और नुकसान होता है. इसलिए मछली पालन के लिए दोमट मिट्टी वाली जमीन सबसे बेहतर मानी जाती है. इसमें पानी लंबे समय तक ठहरता है और मछलियों को अनुकूल वातावरण मिलता है, जिससे उत्पादन अच्छा होता है.

4. मछली पालन के लिए तालाब का चयन जरूरी

मछली पालन शुरू करने से पहले तालाब की अच्छी तरह सफाई  करना बहुत जरूरी होता है, चाहे वह नया हो या पुराना. सबसे पहले तालाब को 10 से 15 दिन तक सूखा छोड़ें, ताकि अंदर जमा कीटाणु और गंदगी खत्म हो जाए. इसके बाद तालाब में चूना डालें. यह चूना हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है और पानी को साफ करता है. इतना सब करने के बाद तालाब में सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं, जिससे पानी में मछलियों के लिए जरूरी पोषक तत्व बनते हैं. चार दिन बाद तालाब में मछलियों का बीज डालें और पालन शुरू करें.

5. पानी की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए?

मछली पालन के लिए सिर्फ तालाब होना ही काफी नहीं, उसमें साफ और लगातार पानी का बने रहना भी जरूरी है. अगर आप सिर्फ बरसात के पानी पर निर्भर रहेंगे तो मछलियों की ग्रोथ रुक सकती है और तालाब सूखने का भी खतरा रहेगा. इसलिए जरूरी है कि तालाब के पास पानी की स्थायी व्यवस्था हो. जैसे कि ट्यूबवेल, नहर या कोई और जल स्रोत का होना जरूरी है. कुल मिलकार ऐसा इंतजाम हो जिससे जरूरत पड़ने पर समय-समय पर तालाब में पानी भरा जा सके.

6. पुराने तालाब में कर लें ये काम मिलेगा बढ़िया मुनाफा

पुराने तालाब में मछली पालन करना पूरी तरह संभव है, बस सही तैयारी जरूरी है. इसके लिए सबसे पहले तालाब की मिट्टी की जांच करवाएं और गंदगी, काई जैसी चीजों को साफ करें. इसके बाद तालाब को 10 से 15 दिन तक सूखने दें ताकि पुराने कीटाणु खत्म हो जाएं. फिर उसमें चूना डालें, जो बैक्टीरिया को मारता है. इतना सब करने के बाद उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं, जिससे पानी में पोषक तत्व बनें और चार दिन बाद तालाब में मत्स्य बीज डालें. इस प्रक्रिया से मछलियों की ग्रोथ अच्छी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा.

Published: 10 Jul, 2025 | 06:45 AM

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