पशुपालन-डेयरी में अच्छा काम करने वालों को मिलेगा राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, सितंबर तक करें आवेदन
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 पशुपालन, डेयरी और कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले किसानों, तकनीशियनों और संस्थाओं को सम्मानित करने का मौका है. नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है.
गाय-भैंस पालन, दूध उत्पादन और कृत्रिम गर्भाधान जैसे कार्य न केवल गांव की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करते हैं, बल्कि लाखों लोगों की रोजी-रोटी का भी सहारा बनते हैं. ऐसे ही मेहनती किसानों, डेयरी संस्थाओं और तकनीशियनों के काम को पहचान देने के लिए भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार देती है. यह पुरस्कार न केवल मेहनत को सम्मान देता है, बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देता है.
क्या है गोपाल रत्न पुरस्कार?
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है. इसका उद्देश्य है दूध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों / MPC / FPO और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित करना. यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता और समर्पण के साथ काम कर रहे हैं.
नामांकन की प्रक्रिया और अंतिम तिथि
अगर आप या आपकी संस्था पशुपालन, डेयरी या कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में सक्रिय हैं, तो आपके पास इस पुरस्कार के लिए नामांकन करने का सुनहरा अवसर है.
नामांकन की अंतिम तिथि: 15 सितम्बर 2025
नामांकन कैसे करें- इसके लिए आप http://awards.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
सरकार ने प्रक्रिया को बिल्कुल सरल और पारदर्शी बनाया है, ताकि हर पात्र व्यक्ति तक यह अवसर पहुंच सके.
किसे मिल सकता है यह पुरस्कार?
यह पुरस्कार तीन मुख्य श्रेणियों में दिया जाता है:-
- दूध उत्पादक किसान- जो उन्नत नस्लों का पालन कर उच्च गुणवत्ता का दूध उत्पादन करते हैं.
- डेयरी सहकारी समिति / MPC / FPO- जो किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं.
- कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन- जो पशुओं की नस्ल सुधार में अहम योगदान दे रहे हैं.
- इन श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार दिया जाता है.