बकरियों को कई मौसमी बीमारियों से बचाता है ये टीका, जरूर लगवाएं पशुपालक

बकरी पालन में मौसम के अनुसार टीकाकरण, दवाएं और नियमित जांच जरूरी है. इससे जानलेवा बीमारियों से बचाव होता है, बकरियों की सेहत बेहतर रहती है और दूध-मांस उत्पादन बढ़ता है, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होता है.

नई दिल्ली | Published: 10 Aug, 2025 | 07:24 PM

बकरी पालन छोटे और बड़े किसानों के लिए आय का अहम स्रोत है, लेकिन बीमारियों का खतरा हमेशा बना रहता है. खासकर मौसम के बदलाव के साथ बकरियों को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं. कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनका इलाज मुश्किल है और जो जानलेवा भी साबित हो सकती हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से टीके और दवाइयां बकरियों के लिए जरूरी हैं.

जानलेवा बकरी बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी टीकाकरण

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञों की सलाह है कि किसान बकरियों को उम्र और मौसम के अनुसार नियमित टीकाकरण जरूर कराएं. इससे जानलेवा बीमारियां फैलने से पहले ही रोकी जा सकती हैं.

ये टीके बकरियों को मौसम के अनुसार सक्रिय बीमारियों से बचाते हैं और बकरियों की सेहत अच्छी रखने में मदद करते हैं.

पैरासाइट नियंत्रण के लिए दवाइयां जरूरी

मौसम के हिसाब से बकरियों में कई तरह के परजीवी (पैरासाइट) भी हो सकते हैं, जो बकरियों को कमजोर कर देते हैं। इस कारण दवाओं का समय पर उपयोग जरूरी है-

ये दवाइयां बकरियों में परजीवी की समस्या को कम कर उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं.

नियमित जांच से बीमारी को रोकना जरूरी

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो धीरे-धीरे बकरियों की सेहत बिगाड़ती हैं और जानलेवा भी बन सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि बकरियों की नियमित जांच करवाई जाए-

इस तरह की जांच से बीमारी को समय रहते पकड़कर संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है.

किसान भाइयों के लिए संदेश: स्वस्थ बकरी, समृद्ध परिवार

किसानों को सलाह दी गई है कि वे बकरियों के टीकाकरण और दवाओं के कार्यक्रम को गंभीरता से लें. मौसम के अनुसार सही समय पर टीकाकरण कराना और पैरासाइट नियंत्रण की दवाएं देना बहुत जरूरी है. इससे बकरियों की मृत्यु दर में कमी आएगी और दूध व मांस का उत्पादन बढ़ेगा. इससे किसानों की आमदनी भी बेहतर होगी. नियमित टीकाकरण और दवाइयों से बकरियों की सेहत मजबूत रहती है, जो पशुपालन व्यवसाय को सफल और लाभकारी बनाता है. इसलिए, सभी किसानों को समय पर पशु चिकित्सा विभाग की सलाह माननी चाहिए.

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