रक्षाबंधन वह पावन पर्व है जिसमें बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं. भाई इसके बदले में बहन की रक्षा का वचन देते हैं.
महाभारत में द्रौपदी और श्रीकृष्ण, यम-यमुनाजी, रानी कर्णावती और हुमायूं जैसी कथाओं से यह त्योहार जुड़ा है, जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से और भी पवित्र बनाता है.
1905 में रवींद्रनाथ टैगोर ने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए रक्षाबंधन के दिन लोगों से एक-दूसरे को राखी बांधने की अपील की थी, जो राष्ट्रीय एकता का संदेश बन गया.
इस साल यानी 2025 में रक्षाबंधन शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी.
राखी बांधने के लिए शुभ समय 9 अगस्त को सुबह 5:37 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा. इस दौरान भद्रा काल नहीं रहेगा, इसलिए पूजा व राखी बंधन पूर्ण विधि से किए जा सकते हैं.
रक्षा सूत्र केवल एक धागा नहीं, बल्कि यह विश्वास, सुरक्षा और प्रेम का प्रतीक होता है, जिसे भारत के हर कोने में सदियों से निभाया जाता रहा है.