इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर पंजाब के व्यापार पर भी पड़ा है. यहां से इन दोनों देशों को भेजे जाने वाले ड्राय फ्रूट, बासमती चावल, केमिकल, कंबल, लकड़ी के शतरंज सेट और अन्य सामानों का आयात-निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इससे पहले 23 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अफगानिस्तान के साथ अटारी के रास्ते होने वाला जमीनी व्यापार बंद कर दिया था, जिससे ड्राय फ्रूट कारोबार को बड़ा झटका लगा था.
अब ईरान से सप्लाई बाधित होने से परेशानी और बढ़ गई है. हालांकि ईरान का बंदरगाह अब्बास अभी खुला है, जिससे सप्लाई पूरी तरह रुकी नहीं है, पर देरी जरूर हो रही है. वहीं, अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर का क्षेत्र हर साल यूरोप और खाड़ी देशों को 45 लाख टन से ज्यादा खुशबूदार बासमती चावल भेजता है. खाड़ी देशों को होने वाला बासमती चावल का 70 फीसदी निर्यात होता है, जिसमें से करीब 20 फीसदी सिर्फ ईरान को जाता है.
बासमती के निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा
व्यापारियों का कहना है कि अगर इजराइल और ईरान के बीच युद्ध लंबा खिंचता है तो बासमती के निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा. इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े और फलों के आयात-निर्यात से जुड़े राजदीप सिंह उप्पल का कहना है कि ताजा और सूखे मेवों की सप्लाई में दो महीने में यह दूसरी बार रुकावट आई है. इससे इनकी लागत और बढ़ेगी, खासकर ड्राय फ्रूट की.
युद्ध की वजह से रद्द हो गई डील
उन्होंने कहा कि पहले जो पिस्ता, बादाम, हेजलनट, अखरोट, खजूर, किशमिश, अंजीर और केसर अफगानिस्तान से आते थे, उनकी सप्लाई अब ठप है. इससे थोक बाजार में इनकी कीमतें बढ़ गई हैं और जल्द ही इसका असर खुदरा बाजार में भी दिखेगा. शतरंज सेट के कारोबार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि अब सिर्फ वेस्ट एशिया ही नहीं, बल्कि यूरोप, अमेरिका और कनाडा से भी नए ऑर्डर अचानक रुक गए हैं.
70 फीसदी की गिरावट आई है
व्यापारियों में यह डर फैल गया है कि अमेरिका भी युद्ध में शामिल हो सकता है. उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प शतरंज कारोबार को पश्चिमी देशों से मिलने वाले ऑर्डर में करीब 70 फीसदी की गिरावट आई है. उनका इजराइल के नेतन्या शहर की एक कंपनी से डील भी युद्ध की वजह से रद्द हो गई.