उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार नकली खाद और उर्वरक बनाने और उनकी बिक्री करने वालों पर प्रदेश सरकार और कृषि विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही लगातार जिलों में औचक निरीक्षण कर गड़बड़ा पाए जाने पर कड़ाई से एक्शन ले रहे हैं. ताकि नकली खाद और खाद की कालाबाजरी पर रोक लगाई जा सके. लेकिन नकली खाद की समस्या केवल यूपी की ही नहीं है. फसलों को पोषण देने वाली चीजों में सबसे ज्यादा महंगी केमिकल खाद होती है. यही कारण है कि खाद और उर्वरक बनाने वाली कंपनियां बाजार में नकली खाद बेचने की कोशिश करती हैं. ऐसी स्थिति में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे असली और नकली खाद के बीच का अंतर समझ पाएं.
पानी में घुल जाती है असली यूरिया
पौधों के विकास के लिए यूरिया का इस्तेमाल जरूरी है. ये उर्वरक फसल को जरूरी मात्रा में नाइट्रोजन देता है. किसानों के लिए अपने खेतों में यूरिया का इस्तेमाल करना जरूरी है. इसलिए किसानों के लिए जरूरी है कि वे असली यूरिया की पहचान कर सकें. असली यूरिया की पहचान है कि इसके दाने सफेद, चमकदार और आकार में लगभग एक ही जैसे होते हैं. साथ ही असली यूरिया पानी में पूरी तरह से घुल जाता है और छूने पर ठंडक का अहसास होता है. इसके अलावा असली यूरिया को गर्म तवे पर रखने से वो पूरी तरह पिघल जाता है और वहीं अगर आंच तेज कर दी जाए तो यूरिया को कोई भी अवशेष नहीं बचता.
ऐसे करें डीएपी की पहचान
असली डीएपी की पहचान किसान बहुत ही आसानी से कर सकते हैं. असली डीएपी की पहचान है कि इसके दाने सख्त, दानेदार, भूरे,काले और बादामी रंग के होते हैं. खास बात ये है कि इसका रंग नाखूनों से नहीं छूटता है. डीएपी की पहचान के लिए इसके कुछ दानों को लेकर तम्बाकू की तरह उसमें चूना मिलाएं. अगर चूना मिलाकर दाने मलने पर तेज महक आए जिसे सूंघा न जा सके तो समझ लें कि डीएपी असली है. इसके अलावा तवे पर धीमी आंच पर गर्म करने पर असली डीएपी के दाने फूल जाते हैं.
असली-नकली की पहचान क्यों है जरूरी
खाद के असली-नकली होने की पहचान करना इसलिए जरूरी है ताकि किसानों को अपनी फसलों के लिए सही पोषण मिल सकें, ताकि उन्हें अच्छी पैदावार मिलने के साथ ही मिट्टी की सेहत भी बनी रहे. असली खाद की पहचान इसलिए भी जरूरी है क्योंकि नकली खाद के इस्तेमाल से फसलों का पैदावार कम हो सकती है, मिट्टी की उर्वरता पर बुरा असर पड़ सकता है और किसानों को आर्थिक तौर पर भी नुकसान हो सकता है.