सितंबर में लगाएं ये 3 खास फसलें, नहीं होगा एक फीसदी भी नुकसान

खेती में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जब मेहनत और बाजार दोनों का साथ मिल जाता है. सितंबर का महीना किसानों के लिए बिल्कुल वैसा ही है. अगर किसान प्याज, लहसुन और आलू की खेती इस समय करते हैं, तो यह उनकी सालभर की कमाई को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा सकता है.

नई दिल्ली | Published: 10 Sep, 2025 | 02:13 PM

किसान अक्सर कहते हैं कि खेती सिर्फ मेहनत का नहीं, बल्कि सही समय और सही फैसले का खेल है. अगर आप यह तय कर लें कि किस मौसम में कौन-सी फसल बोई जाए, तो खेत से निकलने वाली पैदावार आपकी जेब को भर सकती है. सितंबर महीना किसानों के लिए बिल्कुल ऐसा ही सुनहरा मौका लेकर आया है. इस समय अगर आप सही फसल चुनते हैं, तो महज 1 एकड़ जमीन से 2 से 4 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है, और सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें नुकसान होने की गुंजाइश लगभग न के बराबर है.

क्यों खास है सितंबर महीना?

सितंबर का महीना खेती-बाड़ी के लिहाज से बेहद खास होता है. मानसून की बारिश के बाद खेतों में नमी अच्छी बनी रहती है, जो नई फसलों के लिए बेहतरीन माहौल तैयार करती है. साथ ही, इस समय मंडियों में कुछ सब्जियों और मसालों की मांग तेज रहती है. ऐसे में अगर किसान समझदारी दिखाएं और फसल का सही चुनाव करें, तो वे आने वाले 2-3 महीनों में अपनी आमदनी कई गुना बढ़ा सकते हैं.

1. प्याज की खेती 

अगर बात प्याज की करें तो यह सिर्फ रसोई की जरूरत नहीं बल्कि किसानों के लिए सोने की खान है. अभी प्याज के दाम 40 से 45 रुपये किलो चल रहे हैं, और अनुमान है कि आने वाले महीनों में इसमें और तेजी आएगी. खासकर महाराष्ट्र जैसे राज्यों में चुनावी माहौल है, जहां प्याज उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. सरकार किसानों को नाराज नहीं करना चाहती, इसलिए नीतियां भी किसानों के हक़ में होने की संभावना है.

2. लहसुन 

लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी मांग कभी कम नहीं होती. चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या बरसात, मंडियों में लहसुन हमेशा खरीदी जाती है. वर्तमान में लहसुन की कीमत 20 से 40 हजार रुपये क्विंटल चल रही है. यहां तक कि अगर कीमत थोड़ी गिर भी जाए, तो भी किसानों को घाटा होने की कोई गुंजाइश नहीं रहती.

लहसुन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे स्टोर करके भी बेचा जा सकता है. यानी किसान मंडी में अच्छे दाम का इंतजार कर सकते हैं.

3. आलू 

आलू को नकदी फसल कहा जाता है क्योंकि यह सिर्फ खाने में ही नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग और स्नैक्स इंडस्ट्री में भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. अभी आलू के दाम 20 से 25 रुपये किलो चल रहे हैं और इनमें कमी के कोई आसार नहीं दिख रहे.

किसानों के लिए सबसे बड़ा फायदा

सुनहरा मौका न चूकें

खेती में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जब मेहनत और बाजार दोनों का साथ मिल जाता है. सितंबर का महीना किसानों के लिए बिल्कुल वैसा ही है. अगर किसान प्याज, लहसुन और आलू की खेती इस समय करते हैं, तो यह उनकी सालभर की कमाई को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा सकता है.

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