पत्तियों पर नहीं पड़ेंगे पीले धब्बे, फसल पर करें इस दवा का छिड़काव

जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट के इस्तेमाल से होने वाले फायदों की बात करें तो ये उर्वरक फसलों को हरा-भरा बनाए रखने में मदद करता है और साथ ही फसलों में जिंक की कमी को भी दूर करता है.

नई दिल्ली | Updated On: 14 Jul, 2025 | 10:53 PM

किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन पाने के लिए बेहद जरूरी है कि उस फसल का सही ढंग से खयाल रखा जाए और उसे पर्याप्त मात्रा में जरूरी पोषण दिया जाए. किसान अपनी फसलों की देखभाल जी-जान लगाकर करते हैं और सही और जरूरी पोषण देने की भी कोशिश करते हैं. लेकिन कई बार सही पोषण न मिल पाने के कारण पौधे कमजोर पड़ने लगते हैं , उनकी पत्तियां पीली पड़ने लगती है, पत्तियों पर धब्बे दिखाई देने लगते हैं और पौधे की ग्रोथ रुक जाती है. ऐसी स्थिति में किसान निराश हो जाते हैं और उन्हें काफी नुकसान भी होता है. बता दें कि पौधों को होने वाली इन समस्याओं से निपटने के लिए किसान अपनी फसलों पर इफको (IFFCO) द्वारा बनाई गई दवा जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

क्या है जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट

पौधों के लिए सभी जरूरी पोषक तत्वों में से एक है जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट. यह एक सफेद रंग का उर्वरक है जो कि पौधों में जिंक की कमी को पूरा करता ह. किसान इसे खेत में खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर पानी में घोलकर भी फसलों पर इसका स्प्रे किया जा सकता है. इफको जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट में 33 प्रतिशत जिंक है और 15 प्रतिशत सल्फेट. बता दें कि ये पौधों में जाकर जिंक की कमी को ठीक करता है और रोकता है. किसान चाहें तो नजदीकी इफको बाजार केंद्र से इसे खरीद सकते हैं.

क्या हैं इस उर्वरक के फायदे

जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट के इस्तेमाल से होने वाले फायदों की बात करें तो ये उर्वरक फसलों को हरा-भरा बनाए रखने में मदद करता है और साथ ही फसलों में जिंक की कमी को भी दूर करता है. अगर आपके पौधों के तने कमजोर हैं या उनकी विकास नहीं हो रहा है तो जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट का इस्तेमाल करें. इस उर्वरक के इस्तेमाल से विशेष रूप से तिलहनी फसलों की पैदावार में वृद्धि होती है. वहीं ये उर्वरक पौधों में एंजाइम और जड़ों में नाइट्रोजन की स्थिरता को बनाए रखने में भी मदद करता है.

कैसे करें फसलों पर इस्तेमाल

जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट को बुवाई के समय खड़ी फसलों पर डाला जा सकता है. खड़ी फसलों में इसे डालने के लिए बुवाई के समय प्रति एकड़ की दर से 2 से 3 किलोग्राम उर्वरक सीधे मिट्टी में डालें. किसान चाहें तो जरूरत के अनुसार खड़ी फसल में 40 से 45 दिनों के अंतराल पर समान मात्रा में दोबारा डाल दें.

स्प्रे विधि से इसका इस्तेमाल करने के लिए 2 से 3 ग्राम जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट को 2.5 ग्राम चूना या 10 ग्राम यूरिया के साथ प्रति लीटर पानी में अच्छी तरह से मिलाकर घोल बना लें. इसके बाद फसल बढ़ने के बाद पहले या दूसरे सप्ताह में पत्तियों पर सीधे छिड़काव करें.

Published: 15 Jul, 2025 | 06:00 AM

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