ओडिशा सरकार का बड़ा ऐलान, अगले हफ्ते इस दिन से शुरू होगी धान की खरीदी
कई खरीद केंद्रों में आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, ताकि फसल की ढुलाई और भंडारण की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके. इसके साथ ही, सरकार ने धान खरीद प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.
Odisha Agriculture News: ओडिशा में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. ओडिशा सरकार ने ऐलान किया है कि इस सीजन की खरीफ धान खरीद की शुरुआत 20 नवंबर से होगी. खास बात यह है कि इस बार धान खरीद की शुरुआत बारगढ़ जिले से की जाएगी. इसके लिए प्रदेश की सभी मंडियों और क्रय केंद्रों पर सारी तैयारी कर ली गई है. सरकार ने राज्यभर की मंडियों में धान की सुचारू खरीद और वैज्ञानिक भंडारण सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है. सरकार की पूरी कोशिश है कि मंडी और क्रय केंद्रों पर उपज बेचने आने वाले किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई खरीद केंद्रों में आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, ताकि फसल की ढुलाई और भंडारण की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके. इसके साथ ही सरकार ने धान खरीद प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अगले दो सालों में 100 मॉडल मंडियां स्थापित की जाएंगी, ताकि किसानों को बेहतर सुविधा और पारदर्शी व्यवस्था मिल सके.
38 मॉडल मंडियों के लिए टेंडर जारी
बड़ी बात यह है कि पहले चरण में सरकार ने 38 मॉडल मंडियों के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं और काम भी शुरू हो गया है. इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 80 सहकारी समितियों में 200 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इन गोदामों से भंडारण की व्यवस्था मजबूत होगी और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा.
516 करोड़ रुपये के विकास कार्य होगा शुरू
इसके साथ ही सरकार जल्द 973 सहकारी समितियों और रेगुलेटेड मार्केट कमेटियों (RMCs) में 516 करोड़ रुपये के विकास कार्य शुरू करने जा रही है. इस विकास कार्य का उद्देश्य राज्य के कृषि विपणन नेटवर्क को मजबूत करना, किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना और धान खरीद प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है.
किसानों को नहीं मिल रहे आलू के बीज
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में आलू के बीजों की गंभीर कमी ने किसानों के लिए बड़ी चिंता पैदा कर दी है. ऐसे में किसान समय पर आलू की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि गुणवत्ता वाले बीज न मिलने की वजह से उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि हॉर्टिकल्चर विभाग इस समस्या को हल करने में कोई पहल नहीं कर रहा. मजबूर किसानों का कहना है कि बीज की समस्या का हल निकालने के लिए तुरंत कोई ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.