सर्दी के मौसम में इस तरह करें बाग की देखरेख, नहीं होगा शीतलहर का असर..लहलहाएंगे पेड़
कृषि जानकारों का कहना है कि सर्दी के मौसम में पेड़ों के तनों पर गोबर, मिट्टी और नीले थोथे (बोर्डो पेस्ट) का लेप लगाना बहुत फायदेमंद होता है. इससे तना मजबूत रहता है और ठंडी हवाओं का सीधे असर नहीं पड़ता.
Gardening Tips: सर्दी की शुरुआत हो गई है. अब सुबह-शाम ही नहीं, बल्कि दोपर में भी ठंड महसूस की जा रही है. इसका असर इंसान के साथ-साथ पेड़- पौधों के ऊपर पड़ रहा है. ऐसे में किसानों को बागवानी फसलों की अच्छी तरह से देखरेख करने की जरूरत है. क्योंकि सर्दी के मौसम में तापमान में गिरावट आते ही फसलों और पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही कई तरह की बीमारियां भी लगने लगती हैं. अगर आपके पास फलदार पेड़ों के बाग हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि आज हम जानेंगे कि सर्दी के मौसम में बाग में पेड़-पौधों की कैसे देखरेख करनी चाहिए.
कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दी का मौसम शुरू होते ही किसानों के लिए अपनी फसल और फलदार पेड़ों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन जाती है. ठंड और पाला कई बार पेड़ों की बढ़वार रोक देता है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है. दरअसल, सर्दियों में अचानक तापमान गिरने से पेड़ों की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं. इससे आम, अमरूद, नींबू, कटहल, पपीता और सब्जियों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए किसानों को समय रहते सावधानी बरती चाहिए, ताकि ठंड और पाले से होने वाली हानि काफी हद तक रोकी जा सके.
गोबर, मिट्टी और नीले थोथे से बनाएं लेप
कृषि जानकारों का कहना है कि सर्दी के मौसम में पेड़ों के तनों पर गोबर, मिट्टी और नीले थोथे (बोर्डो पेस्ट) का लेप लगाना बहुत फायदेमंद होता है. इससे तना मजबूत रहता है और ठंडी हवाओं का सीधे असर नहीं पड़ता. अगर किसान चाहें, तो पेड़ों के चारों ओर पुआल या घास बिछा सकते हैं. इससे जड़ों को गर्माहट मिलती है और नमी बनी रहती है. यह परंपरागत तरीका आज भी किसानों द्वारा अपनाया जाता है और बहुत असरदार साबित होता है.
मिट्टी का तापमान संतुलित रहना चाहिए
अगर तापमान 5 डिग्री से नीचे जाए, तो शाम के समय हल्की सिंचाई करें. इससे मिट्टी का तापमान संतुलित रहता है और पाला नहीं पड़ता. एक्सपर्ट के मुताबिक, किसान खेत में धुआं भी कर सकते हैं. रात को खेत के किनारों पर सूखे पत्ते और कचरा जलाकर धुआं करने से तापमान अचानक नहीं गिरता और फसलों व पेड़ों को सुरक्षा मिलती है. हालांकि, जानकारों का ये भी कहना है कि पेड़ों की छंटाई ठंड से पहले पूरी कर लें. अनावश्यक शाखाएं हटाने से पेड़ मजबूत रहते हैं और ठंड का असर कम होता है. ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों से अपील की है कि समय-समय पर कृषि विभाग से संपर्क करें और मौसम के अनुसार दिए गए सुझावों का पालन करें. खेतों की निगरानी और सावधानियां सर्दियों में नुकसान रोकने का सबसे अच्छा तरीका है.