मिट्टी की सेहत का राज है गोबर की खाद, जानिए कैसे बनाएं और करें इस्तेमाल

गोबर की खाद कुछ खास फसलों के लिए बेहद असरदार मानी जाती है, क्योंकि यह पोषक तत्वों को धीरे-धीरे छोड़ती है और मिट्टी की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखती है. यह खाद विशेष रूप से आलू, टमाटर, गाजर, मूली, प्याज और शकरकंद जैसी सब्जियों में बेहतरीन परिणाम देती है.

नई दिल्ली | Updated On: 24 Jun, 2025 | 11:07 AM

अगर आप किसान हैं और खेती की लागत से परेशान हैं, तो अब वक्त है गोबर की ताकत को पहचानने का. सही तरीके से बनाई गई गोबर की खाद न सिर्फ आपकी मिट्टी को उपजाऊ बनाती है, बल्कि फसलों की सेहत और उत्पादन दोनों में सुधार करती है. आइए जानते हैं कि गोबर की खाद कैसे बनाएं, कब डालें और इससे कितना फायदा हो सकता है.

गोबर की खाद क्यों है जरूरी?

रासायनिक खादों से खेत की उपज बढ़ती जरूर है, लेकिन लंबे समय में यह मिट्टी की उर्वरता को खत्म कर देती है. वहीं, गोबर की खाद एक प्राकृतिक विकल्प है, जिसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं. इससे मिट्टी की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है, जिससे सूखे समय में भी फसल को नमी मिलती रहती है.

गोबर की खाद बनाने का सही तरीका

गड्डा बनाएं- सबसे पहले एक गहरा गड्ढा (ट्रेंच) बनाएं जिसकी लंबाई करीब 6-7 मीटर, चौड़ाई 1.5-2 मीटर और गहराई 1 मीटर हो.

मूत्र और तुड़ा मिलाएं- गोबर के साथ-साथ पशु मूत्र को भी इस्तेमाल करें, क्योंकि इसमें यूरिया और पोटैशियम भरपूर होता है. मूत्र को सोखने के लिए तुड़ा, सूखी घास या मिट्टी डालें.

रोजाना भरें- इस मिश्रण को हर दिन गड्ढे में डालें. जब मिश्रण गड्ढे के मुंह तक पहुंच जाए, तो इसे मिट्टी और गोबर के घोल से लीप दें.

4 से 5 महीने में तैयार- 4-5 महीने में खाद पूरी तरह सड़कर तैयार हो जाती है. इसके बाद यह खेत में डालने के लिए तैयार है.

कब और कैसे डालें खाद

फसल की अच्छी पैदावार के लिए गोबर की खाद का सही समय पर उपयोग बेहद ज़रूरी है. आमतौर पर इसे बुवाई से 3 से 4 हफ्ते पहले खेत में डालना सबसे फायदेमंद होता है, ताकि मिट्टी में पोषक तत्व अच्छे से घुल सकें. अगर कुछ खाद बच जाए, तो उसे बुवाई के समय भी खेत में मिला सकते हैं.

सामान्य फसलों के लिए 10 से 20 टन प्रति हेक्टेयर की मात्रा पर्याप्त मानी जाती है, लेकिन सब्जियों और चारा फसलों के लिए इस मात्रा को थोड़ा और बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि ये ज्यादा पोषण मांगती हैं. इस तरह सही मात्रा और समय पर खाद डालकर किसान अपनी मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकते हैं.

किस फसलों में ज्यादा फायदा?

गोबर की खाद कुछ खास फसलों के लिए बेहद असरदार मानी जाती है, क्योंकि यह पोषक तत्वों को धीरे-धीरे छोड़ती है और मिट्टी की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखती है. यह खाद विशेष रूप से आलू, टमाटर, गाजर, मूली, प्याज और शकरकंद जैसी सब्जियों में बेहतरीन परिणाम देती है.

इसके अलावा यह धान, गन्ना, नेपियर घास जैसी फसलों और संतरा, आम, केला, नारियल जैसे फलदार पौधों की पैदावार बढ़ाने में भी मदद करती है. इस खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता में धीरे-धीरे सुधार होता है और इससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो जाती है, जिससे खेती का खर्च कम होता है और मिट्टी की सेहत भी अच्छी होती है.

Published: 24 Jun, 2025 | 11:06 AM

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