इनडोर फार्मिंग तकनीक से कहीं भी करें केसर की खेती, ध्यान रखनी होंगी ये 4 बातें
स्मार्ट खेती तकनीकों के विकसित होने से अब किसी भी मौसम में कोई भी फसल करना आसान हो गया है. इसी के चलते इनडोर फार्मिंग तकनीक के जरिए कहीं भी केसर की खेती भी की जा सकती है.

केसर यानी सैफरॉन की खेती के लिए ठंडे इलाकों की जरूरत होती है. लेकिन, अब खेती की नई तकनीक का इस्तेमाल करके किसान कहीं भी खेती कर सकते हैं. गर्म इलाकों में केसर की खेती करने के लिए इनडोर फार्मिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इससे केसर के लिए जरूरी तापमान को बनाए रखने में मदद मिलती है. यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर के अलावा भी अब दूसरे राज्यों में लोग व्यवसायिक उद्देश्य के लिए केसर की खेती कर पा रहे हैं.
इनडोर फार्मिंग तकनीक क्या है
स्मार्ट तरीके से खेती करने के नए मेथड आजकल अपनाए जा रहे हैं. इसमें इनडोर फार्मिंग तकनीक भी है. इसे हाइड्रोपोनिक तकनीक भी कहा जाता है. इस तकनीक के तहत खेती करने में फसल के जरिए जरूरी तापमान को बनाए रखना आसान होता है. केसर की खेती के लिए 15-20°C के बीच तापमान जरूरी होता है और इनडोर फार्मिंग तकनीक के जरिए इस तापमान को बनाए रखने में मदद मिलती है. जबकि, ग्रो लाइट्स के साथ 12-14 घंटे लाइट भी मिल पाती है. इनडोर फार्मिंग तकनीक के जरिए खेती के लिए सही तापमान बनाए रखने में मदद मिलती है. इस तकनीक के तहत थर्मामीटर और हीटिंग, कूलिंग सिस्टम का उपयोग करना आसान होता है.
रोपाई के समय कितना हो तापमान
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि केसर की खेती करने के लिए तापमान का सही होना बहुत मायने रखता है. क्योंकि यह फसल ठंडी जलवायु में सबसे अच्छा विकास करती है. यहां केसर की खेती के लिए उपयुक्त तापमान की जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि केसर के बल्ब (corms) की रोपाई आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर (शरद ऋतु) में की जाती है. लेकिन, इनडोर तकनीक के जरिए कभी भी केसर की खेती की जा सकती है. इस समय तापमान 15-20°C के बीच होना चाहिए. यह बल्ब के अंकुरण और जड़ विकास के लिए आदर्श है।
केसर में फूल आने पर कितना हो टेंपरेचर
केसर की खेती करते समय फसल में फूल आने का समय अक्टूबर-नवंबर रहता है. इस दौरान तापमान 10-18°C के बीच रहना चाहिए. दिन के समय 15-18°C और रात के समय 10-12°C तापमान फूलों के अच्छे विकास के लिए सही रहता है.
गर्मियों में कितना रखें तापमान
मई-जून के दौरान गर्मियों में केसर का पौधा निष्क्रिय होता है. इस दौरान फसल के सही विकास के लिए तापमान सही रहना जरूरी है. इस दौरान केसर का पौधा 25-30°C तक सहन कर सकता है, लेकिन इससे अधिक तापमान बल्ब को नुकसान पहुंचा सकता है. इस समय बल्ब को ठंडे, सूखे स्थान पर रखना चाहिए.
अत्यधिक गर्मी यानी तापमान जब 30°C से ऊपर हो तो केसर के बल्ब को सड़ने या रोगों से बचाने की जरूरत ज्यादा होती है. ज्यादा ठंड यानी 0°C से नीचे तापमान भी खेसर की फसल को नुकसान पहुंचा सकता है.