कान्हा की दहाड़ पूरे देश में गूंजी, टाइगर रिजर्व रैंकिंग में बना नंबर वन

WII की इस रिपोर्ट में देशभर के टाइगर रिजर्व की शाकाहारी वन्यजीवों की आबादी का अध्ययन किया गया था. रिसर्च के अनुसार, कान्हा टाइगर रिजर्व में चीतल, सांभर, गौर, बार्किंग डियर जैसे कई शाकाहारी जानवरों की संख्या सबसे ज्यादा पाई गई है.

नई दिल्ली | Published: 7 Jun, 2025 | 10:35 AM

बाघों के लिए मशहूर मध्य प्रदेश ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है. अब सिर्फ टाइगर्स ही नहीं, बल्कि शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या के मामले में भी कान्हा टाइगर रिजर्व पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कान्हा नेशनल पार्क इस श्रेणी में देशभर के सभी नेशनल पार्क्स और टाइगर रिजर्व्स को पीछे छोड़ चुका है. यहां तक कि उत्तराखंड का नामी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भी दूसरे नंबर पर रहा.

क्या है रिपोर्ट में खास?

WII की इस रिपोर्ट में देशभर के टाइगर रिजर्व की शाकाहारी वन्यजीवों की आबादी का अध्ययन किया गया था. रिसर्च के अनुसार, कान्हा टाइगर रिजर्व में चीतल, सांभर, गौर, बार्किंग डियर जैसे कई शाकाहारी जानवरों की संख्या सबसे ज्यादा पाई गई है. यही कारण है कि यह क्षेत्र बाघों के लिए भी सबसे उपयुक्त आवास स्थल बन गया है.

टाइगर्स के लिए आदर्श घर क्यों है कान्हा?

शाकाहारी जीवों की भरपूर संख्या होने का सीधा फायदा मांसाहारी जीवों को होता है, खासकर बाघों को. यहां खाद्य श्रृंखला (फूड चेन) पूरी तरह संतुलित है, जिससे टाइगर्स को प्राकृतिक रूप से पर्याप्त भोजन मिलता है. यही कारण है कि कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या और स्वास्थ्य दोनों ही बेहतर स्थिति में हैं.

कान्हा टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल

कान्हा टाइगर रिजर्व बहुत बड़ा जंगल है, जो लगभग 2074 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसमें कोर एरिया (जहां जानवर ज्यादा सुरक्षित रहते हैं) और बफर एरिया (जिससे जंगल को सहारा मिलता है) दोनों शामिल हैं. यहां सिर्फ बाघ ही नहीं, बल्कि इनके अलावा सांभर, बारहसिंघा, चीतल, लंगूर, जंगली सूअर और गौर समेत कई तरह के जानवर भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं.

जैव विविधता का बेजोड़ उदाहरण

मीडिया से बात करते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पुनीत गोयल बताते हैं, “कान्हा शाकाहारी जीवों की संख्या के मामले में भारत में सबसे आगे है. और जहां शाकाहारी जीव अधिक होंगे, वहां मांसाहारी जीव भी पनपेंगे. यही कारण है कि यह पार्क जैव विविधता का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है.”

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