केक-चीप्स के शौकीन हो जाएं सावधान, खाने-पीने की 140 चीजों में पाए गए खतरनाक रसायन
इन रसायनों की मात्रा तय सीमा से कई गुना अधिक थी. यह रिपोर्ट आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि यह दिखाता है कि रोजमर्रा के उपयोग की चीजें भी स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं.
केरल में हाल ही में एक बड़ी चेतावनी सामने आई है. राज्य के फूड सेफ्टी कमिश्नरेट ने अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच 650 से अधिक खाद्य सैंपल्स की जांच की और पाया कि कई आम खाने-पीने की चीजों में बैन किए गए रंग, प्रिजर्वेटिव और कीटनाशक पाए गए हैं. इन रसायनों की मात्रा तय सीमा से कई गुना अधिक थी. यह रिपोर्ट आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि यह दिखाता है कि रोजमर्रा के उपयोग की चीजें भी स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं.
ऑनमनोरमा की खबर के अनुसार, जांच में यह सामने आया कि कई खतरनाक रसायन आम खाद्य पदार्थों में पाए गए.
- Rhodamine B: यह औद्योगिक रंग बहुत कम मात्रा में भी जहरीला होता है और इसे पाम शुगर और गुड़ में पाया गया.
- Amaranth: यह कैंसर पैदा करने वाला रसायन है, जो रोजबैरी, मिर्च और ड्राई प्लम में मिला.
- Orange 2: यह हानिकारक रंग रेड ग्राम और नींबू के अचार में पाया गया.
- Sudan I, III और IV: ये कैंसर संबंधी रसायन स्थानीय और ब्रांडेड मिर्च पाउडर में भी पाए गए.
उच्च मात्रा वाले खतरनाक रसायन
जांच में कुछ खाद्य पदार्थों में रसायनों की मात्रा सीमा से कई गुना अधिक पाई गई.
प्लम केक: Sorbate 790 फीसदी अधिक
चोकोनट केक: Sorbate 748 फीसदी अधिक
सोना अंगूर: Acetamiprid कीटनाशक 3,500 फीसदी अधिक
आईवी लौकी: Acetate कीटनाशक 3,100 फीसदी अधिक
हरे अंगूर: Kresoxim-methyl कीटनाशक 3,200 फीसदी अधिक
जीरा: Metalaxyl कीटनाशक 1,500 फीसदी अधिक
धनिया पाउडर: Chlorpyrifos-ethyl 1,200 फीसदी अधिक
मिर्च पाउडर: Ethion कीटनाशक 1,240 फीसदी अधिक
कश्मीरी मिर्च पाउडर: Difenoconazole 2,130 फीसदी अधिक
टार्ट्राजीन और अन्य रंग:
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि टार्ट्राजीन नामक कृत्रिम रंग सबसे आम मिला, यह 140 सैंपल्स में पाया गया. इसके अलावा Sunset Yellow FCF 106 सैंपल्स में देखा गया. कीटनाशकों में Chlorpyrifos-ethyl सबसे व्यापक पाया गया, जो 46 सैंपल्स में था. इसके साथ ही Tebuconazole 34 और Difenoconazole 30 सैंपल्स में मिले.
विशेषज्ञों की चेतावनी
खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन रसायनों की लगातार खपत स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है. लंबे समय तक सेवन से कैंसर, एलर्जी, पाचन समस्याएं और अन्य गंभीर रोग हो सकते हैं. विशेषज्ञ आम जनता से अपील कर रहे हैं कि:
- पैक्ड और ब्रांडेड उत्पादों की लेबल जरूर जांचें.
- जहां संभव हो, ताजगी और प्राकृतिक उत्पादों का चयन करें.
- बच्चों और बुजुर्गों को सबसे पहले सुरक्षित और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ दें.
- संदिग्ध या अज्ञात स्रोतों से खरीदी गई मिठाइयों और नाश्तों से बचें.