विल्ट रोग से लड़ने में सक्षम है अरहर की ये किस्म, बाजार से 200 रुपये सस्ती कीमत पर मिल रहे बीज

अरहर की ये किस्म कम समय में अच्छी पैदावार देने के लिए किसानों के बीच लोकप्रिय है. इसकी खासियत है कि ये किस्म विल्ट और मोजेक रोग की प्रतिरोधी है.

नोएडा | Published: 9 Aug, 2025 | 01:57 PM

खरीफ सीजन की शुरुआत होते ही किसान दलहनी फसलों की खेती करने लगते हैं. दलहनी फसलों की प्रमुख फसल अरहर है जिसे तुअर भी कहते हैं. अरहर की मांग बाजार में सालभर रहती है जिसके कारण देशभर में किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. अरहर की खेती से अच्छी पैदावार और कमाई करने के लिए जरूरी है. किसान इसकी उन्नत किस्मों का चुनाव करें. अरहर की ऐसी ही एक किस्म है अरहर जीआरजी-152 (Red Gram GRG-152). अरहर की इस किस्म की खासियत है कि ये विल्ट रोग के प्रति सहनशील होती है. किसान अरहर की इस किस्म के बीज घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

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मॉनसून पूरी तरह से देश में एंट्री ले चुका है, ऐसे में किसान भी लगभग खरीफ फसलों की बुवाई कर चुके हैं. जिन किसानों को बुवाई में देरी हो गई है वे अब भी फसलों की बुवाई कर रहे हैं. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें लगातार किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और हर संभव तरह से मदद भी दे रही हैं. इसी कड़ी में किसानों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) खरीफ फसलों के बीज खुले बाजार से कम कीमतों पर उपलब्ध कराता है.

अरहर GRG-152 के 5 किलोग्राम बीज का पैकेट 1100 रुपये में मिल रहा है. जबकि बीज निगम यही बीज का पैकेट मात्र 906 रुपये में उपलब्ध करा रहा है.किसान चाहें तो इसके बीज ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

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अरहर GRG-152 की खासियत

अरहर की ये किस्म कम समय में अच्छी पैदावार देने के लिए किसानों के बीच लोकप्रिय है. इसकी खासियत है कि ये किस्म विल्ट और मोजेक रोग की प्रतिरोधी है. इस किस्म को रोगों के प्रति लड़ने की क्षमता के साथ ही विकसित किया गया है. बता दें कि, इस किस्म बुवाई के करीब 165 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. अरहर GRG-152 से होने वाली पैदावार की बात करें तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान करीब 14 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं.

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