जब दुनिया के एक कोने में लोग भूख से तड़प रहे हों, तो वहीं दूसरी ओर खाने की बर्बादी का मंजर किसी चुभते हुए सवाल की तरह सामने आता है. क्या आपको पता है कि हर साल दुनिया में जितना खाना बर्बाद होता है, अगर उसका एक छोटा हिस्सा भी बचा लिया जाए, तो करोड़ों भूखों को खाना मिल सकता है? अफसोस की बात है कि 21वीं सदी में भी यह विरोधाभास पूरी दुनिया के सामने शर्म की तरह खड़ा है.
80 करोड़ लोगों को मिल सकती है राहत
हमारे समाज में एक तरफ ऐसे लोग हैं जो रोज की दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शादी-ब्याह, होटल, रेस्तरां और घरों में हर दिन टनों खाना बर्बाद हो रहा है. फोर्ब्स द्वारा जारी आंकड़ों की मानें, तो पूरी दुनिया में हर साल लगभग 33 फीसदी भोजन बर्बाद हो जाता है. और अगर इस बर्बाद खाने का एक चौथाई भी सही जगह पहुंच जाए, तो करीब 80 करोड़ लोगों को भूख से राहत मिल सकती है.
सबसे ज्यादा खाना कौन करता है बर्बाद?
खाने की बर्बादी में चीन दुनिया में सबसे आगे है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन हर साल करीब 91.6 मिलियन टन खाना फेंक देता है. यह आंकड़ा एक छोटे देश की सालाना खाद्य जरूरत से कहीं ज्यादा है. हैरानी की बात यह है कि भारत इस मामले में दूसरे नंबर पर है, जहां हर साल करीब 68.8 मिलियन टन खाना बर्बाद होता है.
भारत में भूख और बर्बादी साथ-साथ
यह जानकर और दुख होता है कि भारत में जहां करोड़ों लोग कुपोषण के शिकार हैं, वहीं हम इतना खाना यूं ही फेंक रहे हैं. लगभग 23.4 करोड़ लोग भारत में कुपोषण से पीड़ित हैं, यानी हर पांचवां भारतीय पेट भर खाना नहीं खा पा रहा है. फिर भी, हम हर साल इतना खाना फेंक देते हैं, जिससे पूरी दुनिया के भूखे लोगों को कई दिनों तक खाना मिल सकता है.
प्रति व्यक्ति खाना फेंकने में कौन आगे?
अगर प्रति व्यक्ति आधार पर देखें तो इस लिस्ट में मालदीव सबसे ऊपर है. यहां हर व्यक्ति साल में औसतन 207 किलोग्राम खाना फेंक रहा है. यह किसी छोटे परिवार की पूरी साल की जरूरत हो सकती है.
अमेरिका और यूरोप भी पीछे नहीं
अमेरिका भी खाने की बर्बादी के मामले में पीछे नहीं है. वहां हर साल करीब 19.4 मिलियन टन भोजन फेंका जाता है. वहीं फ्रांस और जर्मनी जैसे विकसित देशों में भी खाने की बर्बादी 5 और 6 मिलियन टन तक पहुंच चुकी है.