धान के खेत में फैली गंभीर बीमारी, सूख जाएंगे पौधे और पैदावार होगी कम.. एडवाइजरी जारी

हिमाचल प्रदेश में धान और मक्के की फसलों पर वायरस और कीटों का खतरा बढ़ गया है. CSKHPKV ने SRBSDV वायरस और फॉल आर्मीवॉर्म से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. समय पर पहचान और स्प्रे जरूरी बताया गया है.

नोएडा | Updated On: 1 Aug, 2025 | 02:53 PM

केवल पंजाब-हरियाणा ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी धान के खेत में दक्षिणी राइस ब्लैक-स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) का खतरा बढ़ रहा है. इससे फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ गई है. लेकिन इसी बीच चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSKHPKV), पालमपुर ने प्रदेश के धान किसानों, खासकर निचले और मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के लिए एक अहम एडवाइजरी जारी की है.

एडवाइजरी में कहा गया है कि यह वायरस सफेद पीठ वाले पौधा कीट (White Backed Plant Hopper- WBPH) के जरिए फैलता है और धान की फसल के लिए गंभीर खतरा बन गया है. इस बार यह बीमारी सिरमौर के पांवटा घाटी और कांगड़ा के कई गांवों जैसे जोगीपुर, रिहालपुर, राजोल, केटलू, पोहारा, थिर्डी, रैत, ज्वाली और बर्मार्ड में देखी गई है. इससे फसलों को नुकसान हो रहा है. यदि समय पर इलजा नहीं किया गया, तो उत्पादन में गिरावट आने की आशंका है.

वायरस पौधों के विकास को बुरी तरह प्रभावित करता है

CSKHPKV के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वायरस पौधों की बढ़त को बुरी तरह प्रभावित करता है. संक्रमित पौधों की पत्तियां सीधी और पतली हो जाती हैं और उनकी ऊंचाई सामान्य से आधी या एक-तिहाई ही रह जाती है. बीमारी के बढ़ने पर पौधे समय से पहले सूख सकते हैं, जिससे उपज में भारी गिरावट आती है. यह वायरस फैलाने वाला कीट सफेद पीठ वाला पौधा कीट (WBPH) होता है, जिसे उसकी पारदर्शी अगली पंखों में गहरे रंग की नसें और एक स्पष्ट सफेद पट्टी से पहचाना जा सकता है.

किसानों को सलाह दी गई है कि वे हर सप्ताह अपने खेतों का निरीक्षण करें. धान के पौधों को हल्के से झुकाकर पानी में इस कीट की मौजूदगी जांचें. अगर कीट दिखाई दे, तो तुरंत स्प्रे करना जरूरी है. किसानों से आग्रह किया गया है कि वे देर न करें और तकनीकी सलाह के लिए पालमपुर स्थित CSKHPKV के कीटविज्ञान विभाग से तुरंत संपर्क करें.

मक्के की फसल पर भी रोग असर

बता दें केवल धान ही नहीं मक्के की फसल में भी बीमारी फैल रही है. बीते दिनों खबर सामने आई थी कि ऊना जिले में खड़ी मक्का फसलों पर फॉल आर्मीवॉर्म (Spodoptera frugiperda) का गंभीर हमला देखा गया है. इसको देखते हुए कृषि विभाग ने तुरंत सलाह जारी की और कार्रवाई शुरू कर दी थी. फॉल आर्मीवॉर्म एक बेहद नुकसानदायक कीट है, जो मक्का, धान और ज्वार जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाता है. ऊना जिले को हिमाचल का ‘फूड बाउल’ कहा जाता है और यहां करीब 30,000 हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है, जिससे यह स्थिति किसानों के लिए और भी चिंता की बात बन गई है.

 

 

 

Published: 1 Aug, 2025 | 02:46 PM

Topics: