Diwali 2025: दिवाली की रात क्यों दरवाजे खुले रखते हैं लोग? जानें वो रहस्यमयी कथा जब माता लक्ष्मी खुद धरती पर आईं थीं!

Diwali 2025: क्या आप जानते हैं कि दिवाली की रात लोग अपने घरों के दरवाजे क्यों खुले रखते हैं? सिर्फ सजावट या परंपरा नहीं, इसके पीछे छिपी है एक पौराणिक कथा, जिसमें माता लक्ष्मी खुद पृथ्वी पर आईं थीं और एक बुजुर्ग महिला के घर को सोने के महल में बदल दिया था. इस खबर में जानिए इस रोचक कहानी के पीछे का रहस्य और क्यों आज भी हर घर में दिवाली की रात दीपक और खुले दरवाजों से माता का स्वागत किया जाता है.

नोएडा | Published: 19 Oct, 2025 | 04:10 PM
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Diwali: दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है. इस साल ये शुभ पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. यह दिन अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है और पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

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Goddess lakshmi: दिवाली की शाम मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इससे घर में समृद्धि, धन और सौभाग्य का वास होता है. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से सालभर घर में आर्थिक तंगी नहीं आती.

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Diwali Traditons: दिवाली की रात लोग अपने घरों के दरवाजे खुले रखते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी इस रात पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. जो घर स्वच्छ, प्रकाशित और श्रद्धा से भरा होता है, उसमें वे प्रवेश करती हैं और वहां सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.

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Diwali Old Traditions: यह भी माना जाता है कि देवी-देवता अंधेरे घरों में प्रवेश नहीं करते, इसलिए दिवाली की रात दीप जलाना और घर को रोशनी से सजाना बेहद शुभ माना जाता है. यह प्रकाश सकारात्मक ऊर्जा और देवी लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक है.

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Diwali Story: एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी अमावस्या की रात भ्रमण पर निकलीं, लेकिन चारों ओर अंधेरा था. उन्हें सभी घरों के दरवाजे बंद मिले, सिवाय एक के. उस घर में दीपक जल रहा था और एक बुजुर्ग महिला काम में लगी थी. माता ने उसी घर में विश्राम किया.

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Diwali Special: अगली सुबह जब वह महिला जागी तो देखा कि उसका घर सोने-हीरे से भर गया है. तब उसे एहसास हुआ कि रात में आई अतिथि स्वयं लक्ष्मी माता थीं. तभी से दिवाली की रात दरवाजे खुले रखने और दीप जलाने की परंपरा शुरू हुई, ताकि हर घर में लक्ष्मी का वास हो सके.

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