Agriculture News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गृह मंत्रालय से मिले इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने यह फैसला लिया है. देर रात ही उनके दिल्ली और भोपाल स्थित आवासों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए. हालांकि सुरक्षा बढ़ाने की कोई आधिकारिक वजह या खतरे की जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन इससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि उन्हें बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
शिवराज सिंह चौहान को पहले से ही जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, अब इसमें और इजाफा किया गया है. दिल्ली से लेकर भोपाल तक उनकी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है. साथ ही भोपाल के 74 बंगला स्थित आवास पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है और पार्टी संगठन नए नेतृत्व की तैयारी में जुटा है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान का नाम बार-बार सामने आना संयोग नहीं माना जा सकता. अनुभव, संगठन से जुड़ाव और व्यापक स्वीकार्यता इन तीनों कसौटियों पर शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह फिट बैठते हैं.
क्या बोले शिवराज सिंह चौहान
हालांकि, शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में होने की बात से इनकार करते रहे हैं. उनका कहना है कि इस समय उनका पूरा ध्यान कृषि मंत्रालय और किसानों से जुड़े कामों पर है. हालांकि राजनीति में अक्सर देखा गया है कि जो नेता पद की दावेदारी से इनकार करता है, वही चर्चा के केंद्र में बना रहता है. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक संभावित दावेदारों में शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है. हालांकि अंतिम फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, संगठनात्मक चुनावों और आरएसएस की सहमति से ही होगा.
किन लोगों को मिलती है Z प्लस की सुरक्षा
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में Z प्लस सुरक्षा सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा होती है. यह उन खास लोगों को दी जाती है, जिन पर गंभीर खतरे का अंदेशा होता है.ऐसे भारत में Z प्लस सुरक्षा VIP और VVIP लोगों को दी जाने वाली सबसे मजबूत सुरक्षा में शामिल है, जो SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के बाद आती है. जहां SPG केवल प्रधानमंत्री और उनके परिवार को मिलती है, वहीं Z प्लस सुरक्षा केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेता, न्यायाधीश और अन्य संवेदनशील पदों पर बैठे लोगों को दी जाती है. इसे खतरे के स्तर के आधार पर तय किया जाता है, जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट महत्वपूर्ण होते हैं.