बंगाल से बांग्लादेश तक चावल का बड़ा सौदा, कीमतों में इजाफे की उम्मीद, फोटो क्रेडिट: pexels
इसके पौधों में स्टोमाटा (पत्तियों के छिद्र) की संख्या कम कर दी गई है. इससे पानी का वाष्पीकरण कम होता है और पौधे में नमी लंबे समय तक बनी रहती है. यह किस्म सामान्य धान के मुकाबले ज्यादा टिलर्स (फूलों की शाखाएं) बनाती है और इसके पत्ते बड़े होने के साथ ज्यादा दाने देते हैं.
Registration is necessary before exporting rice
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ये दोनों किस्में खासतौर पर उन क्षेत्रों के लिए उपयोगी हैं, जहां पानी की कमी है या मिट्टी में लवणता (water scarcity or soil salinity) ज्यादा है. कम पानी की जरूरत, बेहतर उत्पादन और जल्दी पकने की क्षमता और उच्च गुणवत्ता वाले दाने होने से इन किस्मों को बाजार में भी बेहतर दाम मिल सकता है.