धान की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन! ये रोग कर देगा पूरा खेत बर्बाद, किसान तुरंत अपनाएं ये उपाय

Dhan Ki Kheti: धान की फसल को बर्बाद करने वाले सबसे खतरनाक कीटों में से एक है भूरा फुदका. यह छोटा सा कीट मिट्टी के पास पौधे के तने से चिपककर उसका रस चूसता है और देखते ही देखते पूरा खेत इसकी चपेट में आ जाता है. शुरुआत में पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, पौधे सूखने लगते हैं और अंत में पूरा खेत बर्बाद हो सकता है. गर्म और आर्द्र मौसम में इसका प्रकोप और तेजी से बढ़ता है, इसलिए किसानों को समय रहते पहचानकर इससे बचाव करना बेहद जरूरी है.

नोएडा | Published: 1 Sep, 2025 | 05:20 PM
1 / 6भूरा फुदका छोटा सा कीट होते हुए भी धान की फसल को मिट्टी के पास वाले तने से चिपककर रस चूसता है. धीरे-धीरे पौधे कमजोर होकर सूखने लगते हैं और अंत में गिर जाते हैं.

भूरा फुदका छोटा सा कीट होते हुए भी धान की फसल को मिट्टी के पास वाले तने से चिपककर रस चूसता है. धीरे-धीरे पौधे कमजोर होकर सूखने लगते हैं और अंत में गिर जाते हैं.

2 / 6अगर समय पर किसान ध्यान न दें तो यह कीट बेहद तेजी से फैलकर पूरे खेत को चपेट में ले लेता है. इसकी खासियत है कि यह धान को गोल आकार में नुकसान पहुंचाता है.

अगर समय पर किसान ध्यान न दें तो यह कीट बेहद तेजी से फैलकर पूरे खेत को चपेट में ले लेता है. इसकी खासियत है कि यह धान को गोल आकार में नुकसान पहुंचाता है.

3 / 6यह कीट पौधों पर मीठा लार छोड़ता है, जिससे और भी कई पौधे शिकार हो जाते हैं. यही वजह है कि गोल आकार में एक साथ कई पौधे सूखकर बर्बाद हो जाते हैं.

यह कीट पौधों पर मीठा लार छोड़ता है, जिससे और भी कई पौधे शिकार हो जाते हैं. यही वजह है कि गोल आकार में एक साथ कई पौधे सूखकर बर्बाद हो जाते हैं.

4 / 6गर्म और आर्द्र मौसम इसके प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल माने जाते हैं. साथ ही, नाइट्रोजन का अधिक उपयोग इसे आकर्षित करता है और फसल पर इसका प्रकोप और तेजी से फैलता है.

गर्म और आर्द्र मौसम इसके प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल माने जाते हैं. साथ ही, नाइट्रोजन का अधिक उपयोग इसे आकर्षित करता है और फसल पर इसका प्रकोप और तेजी से फैलता है.

5 / 6धान के पौधों में यह कीट लगने पर पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, उन पर सफेद धब्बे उभर आते हैं. पौधे का विकास रुक जाता है और बने दाने छोटे और कमज़ोर हो जाते हैं.

धान के पौधों में यह कीट लगने पर पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, उन पर सफेद धब्बे उभर आते हैं. पौधे का विकास रुक जाता है और बने दाने छोटे और कमज़ोर हो जाते हैं.

6 / 6किसानों को चाहिए कि थायमैथाक्सम (Thiamethoxam) 100 ग्राम को 250 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. छिड़काव हमेशा गोले के आकार में बाहर से अंदर की ओर करें, ताकि कीट पूरी तरह नियंत्रित हो सके.

किसानों को चाहिए कि थायमैथाक्सम (Thiamethoxam) 100 ग्राम को 250 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. छिड़काव हमेशा गोले के आकार में बाहर से अंदर की ओर करें, ताकि कीट पूरी तरह नियंत्रित हो सके.

Published: 1 Sep, 2025 | 05:20 PM