खेत की जुताई से मिट्टी की खुदाई तक सभी काम करती है ये मशीन, मार्केट में तेजी से बढ़ रही है मांग

कृषि कार्यों के साथ ही मिट्टी की खुदाई, पेड़ों की जड़ों के उखाड़ने के साथ ही कई तरह के काम के लिए एक खास मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह मशीन कम समय में बेहतर गुणवत्ता से काम करने में सक्षम है, जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है.

नोएडा | Updated On: 3 Nov, 2025 | 10:37 PM

परंपरागत रुप से खेती में मानवीय श्रम की बहुत भूमिका रहती है. लेकिन आज के दौर में खेती-बाड़ी और निर्माण कार्यों में आधुनिक मशीनों की भूमिका बढ़ रही है. इन मशीनों ने खेती के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है. कम समय में बेहतर गुणवत्ता से काम ये मशीनें आराम से कर देती है. इन्हीं मशीनों में एक महत्वपूर्ण नाम है बैकहो, जिसे आमतौर पर जेसीबी या खुदाई मशीन के नाम से भी जाना जाता है. गांवों और छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक, यह मशीन सड़क बनाने, नहर खोदने, खेतों की जुताई, समतलीकरण और कई तरह के भारी-भरकम कार्यों में इस्तेमाल की जाती है. इसकी लोकप्रियता इतनी है कि आज हर जगह बैकहो मशीन की मांग तेजी से बढ़ रही है.

एक साथ कई काम कर सकती है बैकहो

बैकहो एक तरह की खुदाई करने वाली मशीन है, जिसमें आगे की तरफ लोडर बाल्टी और पीछे की तरफ खुदाई करने वाली आर्म लगी होती है. इसकी खासियत यह है कि यह एक ही समय में दो काम कर सकती है– खुदाई और मलबा उठाने का. बैकहो का इस्तेमाल खेती में सिंचाई के लिए नहर खोदने, तालाब बनाने, खेतों की मिट्टी समतल करने और खेत तक सड़क पहुंचाने में होता है. वहीं, निर्माण कार्यों में इसका उपयोग गड्ढे खोदने, ईंट-पत्थर उठाने और मलवे को हटाने में किया जाता है. इसकी गति और ताकत के कारण यह हाथ से किए जाने वाले लंबे और कठिन कार्यों को कुछ ही घंटों में पूरा कर देती है. यही वजह है कि किसान और ठेकेदार दोनों ही इसे अपनी पहली पसंद मानते हैं.

मार्केट में बैकहो के कई मॉडल

भारत में बैकहो मशीन कई प्रकार की उपलब्ध हैं. इनमें मुख्य रूप से मिनी बैकहो, स्टैंडर्ड बैकहो और हेवी-ड्यूटी बैकहो शामिल हैं. मिनी बैकहो छोटे स्तर के काम जैसे खेतों में हल्की खुदाई या गांवों में छोटे निर्माण कार्यों के लिए उपयुक्त होती है. स्टैंडर्ड बैकहो का उपयोग सामान्य निर्माण और कृषि कार्यों में सबसे ज्यादा किया जाता है, जबकि हेवी-ड्यूटी बैकहो बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे सड़क निर्माण, पुल और बड़े तालाब बनाने में इस्तेमाल की जाती है. कीमत की बात करें तो मिनी बैकहो की कीमत लगभग 10 से 15 लाख रुपये तक होती है. स्टैंडर्ड बैकहो 20 से 35 लाख रुपये तक उपलब्ध है, जबकि हेवी-ड्यूटी बैकहो की कीमत 40 लाख रुपये से शुरू होकर 60 लाख रुपये या उससे अधिक तक जा सकती है. ब्रांड, मॉडल और इंजन की क्षमता के अनुसार कीमतों में अंतर देखने को मिलता है.

ऐसे करें बैकहो मशीन का चुनाव

किसानों के लिए सही बैकहो का चुनाव करना बेहद महत्वपूर्ण है. अगर कोई किसान छोटे स्तर पर खेती करता है और उसे केवल खेत समतल करने या हल्की खुदाई के काम के लिए मशीन चाहिए, तो मिनी बैकहो उसके लिए सही विकल्प है क्योंकि यह किफायती भी है और आसानी से खेतों में चलाया जा सकता है. वहीं, मध्यम और बड़े स्तर पर खेती करने वाले किसानों के लिए स्टैंडर्ड बैकहो सबसे उपयुक्त है क्योंकि यह खेती से जुड़े लगभग हर काम जैसे तालाब खुदाई, नहर निर्माण, और भारी मिट्टी हटाने के लिए पर्याप्त क्षमता रखती है. हेवी-ड्यूटी बैकहो किसान की जरूरत से ज्यादा बड़ी और महंगी साबित हो सकती है, इसलिए इसकी सलाह केवल बड़े प्रोजेक्ट्स या ठेकेदारों को दी जाती है.

बैकहो मशीन ने खेती और निर्माण कार्यों को आसान और समय बचाने वाला बना दिया है. सही मॉडल और बजट के हिसाब से किसान और आम लोग इसका चुनाव कर सकते हैं, जिससे उनके काम की दक्षता और उत्पादकता कई गुना बढ़ जाती है.

Published: 4 Nov, 2025 | 06:45 AM

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