अब गाय सिर्फ बछिया को जन्म देगी.. खर्च सिर्फ 250 रुपये, फायदा कई गुना ज्यादा मिलेगा

बिहार सरकार ने सिर्फ 250 रुपये में बछिया पैदा करने की तकनीक शुरू की है. शुक्राणु छंटाई तकनीक से हर बार गाय से मादा बछिया ही जन्म लेगी, जिससे दूध उत्पादन बढ़ेगा और पशुपालकों की आमदनी में इजाफा होगा.

नोएडा | Updated On: 14 Aug, 2025 | 05:15 PM

अब सिर्फ 250 रुपये खर्च करके हर बार गाय से बछिया पैदा कराना संभव हो सकेगा. यह कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत बनने जा रहा है, वो भी बिहार में. राज्य सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक खास तकनीक पर काम शुरू कर दिया है. इस तकनीक का नाम है शुक्राणु छंटाई तकनीक. इस तकनीक से गाय से केवल बछिया (मादा) ही पैदा होगी, जिससे दूध उत्पादन में भी जबरदस्त इजाफा होगा.

क्या है शुक्राणु छंटाई तकनीक?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शुक्राणु छंटाई तकनीक एक वैज्ञानिक तरीका है, जिससे यह तय किया जा सकता है कि गाय से मादा बछिया ही जन्म ले. इस प्रक्रिया में सांड के सीमन को इस तरह से छांटा जाता है कि गर्भाधान के बाद गाय से बछिया ही पैदा हो. बिहार सरकार इस तकनीक को तेजी से बढ़ावा दे रही है. खास बात यह है कि इसके लिए पशुपालकों को महज 250 रुपये खर्च करना होगा. यानी बहुत ही कम लागत में अब पशुपालकों को बछिया मिल सकेगी, जिससे भविष्य में ज्यादा दूध मिलेगा और आमदनी भी बढ़ेगी.

दूध उत्पादन और आमदनी दोनों में इजाफा

बछिया यानी मादा बछड़े से भविष्य में गाय बनती है और वह दूध देती है. अगर गाय से बछड़ा (नर बछड़ा) पैदा होता है तो उससे कोई दूध नहीं मिलता और देखभाल का खर्च अलग से होता है. इस तकनीक से अगर हर बार बछिया ही पैदा होगी, तो भविष्य में हर घर में दुधारू गायें होंगी. इससे-

सरकारी योजना- नहीं होगा कोई नुकसान

इस योजना में राज्य सरकार ने पशुपालकों की मदद के लिए यह भी तय किया है कि अगर किसी गाय से बछिया नहीं पैदा होती है, तो पशुपालक को उसका 250 रुपये वापस कर दिया जाएगा. साथ ही, एक गाय को अधिकतम दो बार ही यह तकनीक दी जाएगी. इससे पशुपालकों को यह भरोसा मिलेगा कि अगर तकनीक सफल नहीं हुई तो उन्हें कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा.

जिलों में शुरू हुआ काम, सीमन उपलब्ध

जिलों में पशुपालन विभाग ने इस तकनीक के लिए पर्याप्त मात्रा में Semen की व्यवस्था कर दी है. जिला पशुपालन पदाधिकारी के अनुसार, अब गांव-गांव जाकर कृत्रिम गर्भाधान के जरिए यह तकनीक लागू की जाएगी. सभी इच्छुक पशुपालक नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र या पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं. वहां से उन्हें यह सेवा आसानी से मिल जाएगी.

Published: 14 Aug, 2025 | 07:15 PM

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