आज हम आपको एक ऐसे अनोखे फल के बारे में बताएंगे जिसे उगाने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती और यह सिर्फ 40-50 दिन में ही फल देने लगता है. इसे मकोय या ब्लैक नाइट शेड के नाम से जाना जाता है. यह फल केवल स्वाद में ही नहीं बल्कि औषधीय गुणों में भी बेहद लाभकारी है. खास बात यह है कि यह बंजर या कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से उग जाता है और खेती करने में बेहद सरल है.
बंजर भूमि का पौधा
मकोय पहले बंजर भूमि का पौधा माना जाता था. इसे अक्सर पुराने और खंडहर पड़े स्थानों पर देखा जाता था. लेकिन इसके औषधीय गुणों की पहचान होने के बाद अब यह कई जगहों पर उगाया जाने लगा है. यह पौधा बिना किसी कीट या रोग से प्रभावित हुए भी उग सकता है. इसे उगाने के लिए किसी प्रकार के स्प्रे या केमिकल की जरूरत नहीं होती.
मकोय की खेती
मकोय की बुवाई बारिश के महीनों में यानी जून, जुलाई और अगस्त में की जा सकती है. पौधों के बीच 1 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 1.5 फीट रखनी चाहिए. इस हिसाब से लगाए गए पौधों से 40-50 दिन में फल आने शुरू हो जाते हैं. खेती के लिए गोबर की खाद और सूखी पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है.
मकोय के फल
मकोय एक छोटा पौधा है जिसमें हरी, अंडाकार और चौड़ी पत्तियां होती हैं. इसके फल पकने पर नीले या बैंगनी रंग के हो जाते हैं और स्वाद में मीठे होते हैं. इसे स्थानीय भाषा में ककमाची भी कहा जाता है.
मकोय के फायदे
मकोय के फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है. यह शुगर के मरीजों, लिवर और किडनी में स्टोन जैसी समस्याओं में फायदेमंद है. इसके औषधीय गुणों के कारण इसे घरेलू दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
मकोय की कीमत और मुनाफा
मकोय की खेती की लागत बहुत कम है और इसे उगाने पर किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. इसकी कीमत 200 रुपये से लेकर 900 रुपये तक हो सकती है. एक सफल खेती से महीने के लगभग 80-90 हजार रुपये तक का मुनाफा कमाना संभव है. यह खेती छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी लाभकारी साबित हो सकती है.
मकोय की खेती आसान, कम खर्चीली और लाभकारी होने के कारण किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है. बंजर भूमि में भी इसे उगाया जा सकता है और जल्दी फल मिलने की वजह से यह जल्दी मुनाफा दिलाता है. अगर आप भी कम मेहनत में अच्छे मुनाफे की तलाश में हैं, तो मकोय की खेती आपके लिए सही विकल्प हो सकती है.