काली होकर गिर रही लौकी? ये देसी उपाय करेगा कमाल, फंगस और कीट दोनों से मिलेगा छुटकारा
अगर आप लौकी की खेती करते हैं तो आपको फल काले पड़कर, सड़ने और जल्दी गिरने की समस्या परेशान करती ही होगी. यह समस्या आमतौर पर फ्रूट फ्लाई और फंगस के कारण होती है. आइए जानते हैं घरेलू नुस्खों से लौकी की बीमारियों को कैसे रोका जा सकता है.
Bottle Gourd Farming Tips: लौकी की खेती साल भर की जाती है और यह जायद, खरीफ और रबी तीनों मौसमों की फसल है. इसकी खेती करने वाले किसानों को अक्सर फल काले पड़कर गिरने की समस्या का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी का हल राजस्थान के किसानों ने अपने देसी उपाय से निकाल लिया है. किसान इस मुश्किल से निपटने के लिए एक प्राकृतिक घोल बनाकर तैयार करते हैं और यह घोल फ्रूट फ्लाई और फंगस के बढ़ते खतरे से बचाता है. यह घोल पौधों को रोगमुक्त रखने और रासायनिक दवाओं से सुरक्षित रखने का सस्ता तरीका भी है.
पौधे से लौकी काली होकर गिरने का कारण
लौकी के छोटे फल काले होने और गिरने की समस्या फ्रूट फ्लाई और फंगस की वजह से आती है. यह कीट फलों में अंडे देते हैं, जिससे फल अंदर से खराब हो जाते हैं. इस घोल के प्रयोग से इस समस्या से बचा जा सकता है.
घर पर ही तैयार करें प्राकृतिक घोल
लौकी की फसल खराब होने की परेशानी को दूर करने के लिए किसान भाई घर पर ही प्राकृतिक घोल तैयार कर सकते हैं. यह घोल कीट से बचाव के लिए बाजार में कई महंगे रासायनिक कीटनाशक मिलते हैं लेकिन यह देसी उपाय प्राकृतिक होने के साथ सस्ता और सुरक्षित भी है. इस देसी घोल से कीट और फंगस दोनों दूर होते हैं.
घोल बनाने के लिए आवश्यक चीजें
इसे बनाने के लिए नीम, कनेर, लहसुन और हल्दी की आवश्यकता होगी. कनेर और नीम की पत्तियों में एंटी- फंगल और एंटी- बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं. जो फसल को सुरक्षित रखते हैं.
ऐसे तैयार करें देसी घोल
इस घोल को तैयार करने के लिए नीम और कनेर की पत्तियां बराबर मात्रा में लें. इसमें 4 – 5 हरी मिर्च और एक लहसुन की गांठ डालकर अच्छी तरह कूट लें. इस पेस्ट को आधे लीटर पानी में डालें और थोड़ा हल्दी पाउडर मिलाएं. तैयार मिश्रण को प्लास्टिक के बर्तन में डालकर, छायादार जगह पर 4 – 5 दिन तक रखें. इस दौरान इसे रोज लकड़ी की डंडी से हिलाते रहे. इसके बाद इस घोल को छिड़काव से पहले बराबर मात्रा में पानी मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें.
इस देसी तरीके से बनाए गए घोल का छिड़काव लौकी की बेल, पत्तों, फूलों और छोटे फलों पर अच्छी तरह से करें. छिड़काव करते समय ध्यान रहे कि जहां फंगस का खतरा ज्यादा हो वहां अच्छे से छिड़काव किया जाए. इस प्रकार किसान भाई सस्ता और सुरक्षित तरीका अपना कर लौकी की फसल को सड़ने व काले होकर गिरने से बचा सकते हैं.