भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, किसानों, डेयरी और खेती को कैसे मिलेगा फायदा, पढ़ें डिटेल्स

भारत और यूके बीच मुक्‍त व्‍यापार समझौता (Free Trade Agreement) हो चुका है. इस डील से दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे.

नोएडा | Updated On: 24 Jul, 2025 | 05:47 PM

भारत और यूके बीच मुक्‍त व्‍यापार समझौता (Free Trade Agreement) हो चुका है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम किएर स्‍टेर्मर के लंदन में मुलाकात के दौरान फ्री ट्रेड डील पर हस्‍ताक्षर हुए हैं. इस डील से दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे.

भारत और ब्रिटेन ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौते से दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोजगार से जुड़े ढेरों नए अवसर पैदा होंगे. वहीं, ब्रिटेन के पीएम ने भारत के साथ FTA को ऐतिहासिक समझौता बताया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सोशल मीडिया के एक्स पर पोस्ट कर मुक्त व्यापार समझौते यानी FTA को ऐतिहासिक समझौता बताया है.

व्यापार और वाणिज्य में एक नया अध्याय- पीएम

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस एक वर्ष में हमें तीसरी बार मिलने का मौका मिल रहा है. अपने आप में मैं इसे बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं. ब्रिटेन और भारत स्वाभाविक साझेदार हैं. आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है. हमारे दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और दोहरे योगदान समझौते (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. यह अपने आप में भारत और ब्रिटेन की भावी पीढ़ियों के लिए एक बहुत ही मज़बूत मार्ग प्रशस्त करेगा. यह व्यापार और वाणिज्य में एक नया अध्याय जोड़ रहा है.

भारत-यूके डील की बड़ी बातें

मछुआरों के लिए बड़ी उपलब्धि

मुक्‍त व्‍यापार समझौता (Free Trade Agreement) को भारतीय मछुआरों के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है. क्योंकि, इस समझौते के बाद 5.4 अरब डॉलर का ब्रिटेन का बाजार समुद्री निर्यात के लिए खुल गया है, क्योंकि समुद्री उत्पादों पर ब्रिटेन का आयात शुल्क 20% से घटकर शून्य हो गया है.

रोजगार और कारोबार को कैसे मिलेगा बढ़ावा?

सरकार और जानकारों का दावा है कि इस समझौते से भारत के टेक्सटाइल, ज्वैलरी, आईटी और मरीन सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए अच्छे दिन आ सकते हैं. इन्हें विदेशों से नए ऑर्डर मिलने की संभावना है, जिससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे. छोटे उद्यमों, स्टार्टअप्स और MSMEs को भी नया बाजार मिलेगा और वे अपने उत्पादों को वैश्विक मंच पर ले जा सकेंगे. इससे भारत के निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सकती है, जो लंबे समय में देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा.

Published: 24 Jul, 2025 | 05:10 PM

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