भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड टॉक, कृषि पर सबसे ज्‍यादा ध्‍यान

भारत पहले से ही दालों, खाद्य तेल और जमे हुए मांस उत्पादों का आयात अमेरिका को करता है. दोनों देशों के लिए टैरिफ कम करके और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाकर उपज के लिए बाजार पहुंच बढ़ाना संभव है.

Kisan India
Noida | Published: 8 Mar, 2025 | 07:00 AM

भारत और अमेरिका के बीच इस समय ट्रेड डील पर वार्ता जारी है. इस वार्ता पर करीब से नजर रख रहे लोगों की मानें तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लिए चल रही चर्चाओं में कृषि उपज एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरी है. उन्होंने कहा कि आम चर्चाओं से अलग दोनों देशों के लिए टैरिफ कम करके और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाकर उपज के लिए बाजार पहुंच बढ़ाना संभव है.

दोनों देशों के बीच कॉम्‍पटीशन नहीं

हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से एक ने दालों, खाद्य तेल, ट्री नट्स, फॉरेस्‍ट प्रॉडक्‍ट्स और फ्रोजन टर्की और फ्रोजन डक (बत्तख) जैसे उत्पादों का हवाला दिया. सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि आपसी हितों को ध्‍यान में रखकर दोनों देश इन उत्‍पादों पर चर्चा कर सकते हैं. दोनों देश कई वस्तुओं के मामले में एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं. इससे उनके किसान समुदायों को नुकसान पहुंचाए बिना उन वस्तुओं के लिए अधिक बाजार पहुंच संभव हो रही है.

कौन-कौन से उत्‍पादों का आयात

ट्रंप प्रशासन अलग-अलग तरह के अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजारों तक ज्‍यादा से ज्‍यादा पहुंच बनाना चाहता है. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में इसके लिए टैरिफ में कमी की जरूरत होगी. जबकि बाकी मामलों में इसके लिए गैर-टैरिफ बाधाओं को खत्म करने की जरूरत होगी. कहा जा रहा है कि दोनों देशों की ‘संवेदनशीलता’ को ध्यान में रखा जाएगा. गौरतलब है कि दोनों ही देशों में मजबूत कृषि लॉबी है, जिसका रोल भी आने वाले दिनों में बढ़ने वाला है. भारत पहले से ही दालों, खाद्य तेल और जमे हुए मांस उत्पादों का आयात अमेरिका को करता है.

दो अप्रैल लागू होगा टैरिफ

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों दोहराया है कि दो अप्रैल से टैरिफ लागू कर दिया जाएगा. ट्रंप ने हमेशा चीन, ब्राजील और भारत जैसे देशों में हाई टैरिफ का हवाला दिया है. भारतीय अधिकारियों को उम्‍मीद है कि एक ऐसा समाधान निकाला जा सकेगा जो भारत को उन टैरिफ से बचने में मदद कर सकता है. अधिकारियों की मानें तो अमेरिका कृषि निर्यात के लिए भारत पर नजर गड़ाए हुए है. भारत दुनिया से लगभग 40 अरब डॉलर के कृषि और इससे जुड़े उत्पाद आयात करता है. उसे अपने हितों को नुकसान पहुंचाए बिना अमेरिका को उसमें हिस्सा लेने की अनुमति देनी चाहिए.

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Published: 8 Mar, 2025 | 07:00 AM

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