Sandalwood Farming: कम खर्च में करोड़पति बना देगा ये पेड़, बंजर जमीन पर भी आसानी उग जाता है

Rural Business Idea: चंदन की खेती के लिए किसानों को बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसकी खेती बंजर और पथरीली जमीन पर भी आसानी से की जा सकती है. सफेद चंदन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी बेस्ट मानी जाती है.

नोएडा | Published: 17 Aug, 2025 | 01:04 PM

किसान अब पारंपरिक फसलों की खेती छोड़कर ऐसी फसलों की खेती कर रहे हैं जिनसे उन्हें कम लागत में भी अच्छा मुनाफा मिले. मॉनसून की शुरुआत होते ही किसानों ने खरीफ फसलों की खेती की शुरुआत कर दी थी. किसानों इस सीजन में ऐसी फसलों का चुनाव करते हैं जिनसे उन्हें कम लागत और कम मेहनत में ज्यादा फायदा मिले. खरीफ सीजन में खेती से अच्छी कमाई कराने वाली ऐसी ही एक फसल है चंदन की फसल. जो कम लागत में किसानों के लिए अच्छी आमदनी का जरिया बन सकती है. बता दें कि, चंदन की खेती के लिए खरीफ सीजन बेस्ट माना जाता है.

चंदन की लकड़ी की मांग बाजर में बहुत ज्यादा होती है और इसकी कीमत भी बहुत अच्छी मिलती है , यही कारण है कि इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. यही नहीं, इसके अलावा, चंदन के इस्तेमाल से कई तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स भी बनाए जाते हैं. खास बात ये है कि चंदन की खेती के लिए किसानों को विशेष रूप से कोई तैयारी नहीं करनी पड़ती. किसान अपने खेत के किनारे या खाली पड़ी जमीन पर भी इसकी खेती कर सकते हैं.

उत्तर भारत में सफेद चंदन की खेती

कुछ मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, भारत में 2 तरह का चंदन पाया जाता है. लाल चंदन और सफेद चंदन जिनमें से भारत में सफेद चंदन की खेती होती है खासतौर पर उत्तर भारत के इलाकों मेंं. सफेद चंदन लकड़ी का इस्तेमाल औषधि बनाने, साबुन, अगरबती, कंठी माला, फर्नीचर, लकड़ी के खिलौने, परफ्यूम, हवन सामग्री और विदेशों में खाने में होता है, जिससे यह काफी महंगा बिकती है. बता दें कि, किसान चंदन की खेती दो तरीकों से कर सकते हैं जिनमें जैविक और पारंपरिक तरीका शामिल है. अगर किसान जैविक तरीके से चंदन की खेती करने हैं तो 10 से 15 साल में लकड़ी मिलने लगती है. वहीं अगर किसान पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल करते हैं तो इसके पेड़ से करीब 20 से 25 सालों में लकड़ी मिलना शुरू होती है.

सही मिट्टी का करें चुनाव

चंदन की खेती के लिए किसानों को बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसकी खेती बंजर और पथरीली जमीन पर भी आसानी से की जा सकती है. सफेद चंदन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी बेस्ट मानी जाती है. लेकिन किसानों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सफेद चंदन की खेती हमेशा ऊंची जगह पर करें जहां पानी न जमा हो सके. बता दें कि, लाल दोमट मिट्टी में सफेद चंदन के पौधों का जबरदस्त तरीके से विकास होता है. चंदन को बीज रोपाई और पौधे लगाकर, दोनों तरह से उगाया जा सकता है. चंदन के पौधों की रोपाई का सही समय बारिश का मौसम होता है.

खेती में कम लागत और कमाई ज्यादा

सफेद चंदन की खेती में लगने वाली लागत की बात करें तो, सफेद चंदन की खेती पर प्रति एकड़ करीब 4 लाख रुपए का खर्च आ सकता है. 10 से 15 साल बाद जब पेड़ से लकड़ी की पैदावार मिलना शुरु हो जाएगी तब प्रति एकड़ फसल से किसानों को करीब एक करोड़ की आमदनी हो सकती है. किसान एक एकड़ जमीन पर करीब 450 से ज्यादा चंदन के पौधे लगा सकते हैं. वर्तमान में बाजार में चंदन की लकड़ी की कीमत की बात करें तो, बाजार में चंदन की लकड़ी 30 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिकती है. इस लिहाज से चंदन की खेती करना किसानों के लिए वाकय फायदेमंद है.

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