कपास बाजार में सरकारी एंट्री से आई तेजी, MSP पर अब तक 50 लाख गांठ की खरीद
इस साल कपास की खेती पर मौसम की दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ रकबा घटा, दूसरी ओर असमय और ज्यादा बारिश से फसल की गुणवत्ता प्रभावित हुई. कृषि मंत्रालय के शुरुआती अनुमान के मुताबिक 2025-26 में कपास उत्पादन 292.15 लाख बेल रहने का अनुमान है.
CCI cotton procurement: कपास किसानों के लिए इस सीजन एक अच्छी खबर सामने आई है. सरकार की बाजार हस्तक्षेप नीति के तहत Cotton Corporation of India (सीसीआई) ने 2025-26 सीजन में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करीब 50 लाख गांठ (बेल) कपास की खरीद कर ली है. यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में हुई खरीद से लगभग 60 प्रतिशत अधिक है. इससे न सिर्फ किसानों को सीधी राहत मिली है, बल्कि बाजार में दामों को भी सहारा मिला है.
तेजी से बढ़ी खरीद, रोजाना 2 लाख बेल से ज्यादा
CCI के अनुसार, इस सीजन कपास की कुल आवक लगभग 118 लाख बेल रही है, जिसमें से 50 लाख बेल की खरीद MSP पर की जा चुकी है. रोजाना खरीद की रफ्तार 2 लाख बेल से अधिक बनी हुई है. इससे साफ है कि बाजार में दबाव के बीच सरकारी खरीद किसानों के लिए मजबूत सुरक्षा कवच का काम कर रही है.
तेलंगाना और महाराष्ट्र सबसे आगे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तो तेलंगाना और महाराष्ट्र में खरीद सबसे ज्यादा रही है. तेलंगाना में करीब 93.87 लाख क्विंटल कपास की खरीद हुई, जिसकी कीमत 7,445 करोड़ रुपये रही. वहीं महाराष्ट्र में 47.69 लाख क्विंटल कपास 3,779 करोड़ रुपये में खरीदी गई.
इसके अलावा कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा और पंजाब में भी बड़े पैमाने पर MSP पर खरीद हुई है, जिससे इन राज्यों के किसानों को भी फायदा मिला है.
MSP से नीचे थे दाम, अब बाजार को सहारा
सीजन की शुरुआत में निजी बाजार में कच्चे कपास के दाम 7,200–7,300 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थे, जो MSP से नीचे थे. सीसीआई की खरीद बढ़ने के बाद दामों में सुधार आया है और कई मंडियों में भाव 7,800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गए हैं. प्रेस्ड कॉटन के दामों में भी 2,000–2,500 रुपये प्रति कैंडी की बढ़त दर्ज की गई है. बेहतर दाम मिलने से किसान अब CCI को बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
कम पैदावार और मौसम की मार
इस साल कपास की खेती पर मौसम की दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ रकबा घटा, दूसरी ओर असमय और ज्यादा बारिश से फसल की गुणवत्ता प्रभावित हुई. कृषि मंत्रालय के शुरुआती अनुमान के मुताबिक 2025-26 में कपास उत्पादन 292.15 लाख बेल रहने का अनुमान है, जो पिछले साल से थोड़ा कम है. ऐसे में सरकारी खरीद ने बाजार में स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है.
किसानों को न्यूनतम कीमत की गारंटी
सरकार ने 2025-26 के लिए मध्यम रेशा कपास का MSP 7,710 रुपये और लंबे रेशा कपास का MSP 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक CCI की सक्रिय खरीद जारी रहेगी, तब तक किसानों को न्यूनतम कीमत की गारंटी मिलती रहेगी और बाजार में अचानक गिरावट से बचाव होगा.
कुल मिलाकर, MSP पर रिकॉर्ड खरीद ने कपास किसानों को भरोसा दिया है और यह संकेत दिया है कि सरकार फसल सीजन में किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है.