Kisan Diwas: केंद्र की इन 10 योजनाओं से किसानों की बदल जाएगी किस्मत, पैसा से लेकर फसल सुरक्षा तक की गांरटी
किसान दिवस हर साल किसानों के योगदान को सम्मानित करने और चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें याद करने के लिए मनाया जाता है. इस साल का विषय है ‘विकसित भारत 2047 और FPOs की भूमिका’. खास बात यह है कि सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही है.
आज किसान दिवस है. इसे हर साल पूरे देश में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य किसानों के योगदान को सम्मानित करना है. साथ ही, यह भारत के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें याद करने का दिन भी है. उन्होंने किसानों के अधिकार और भूमि सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. सरकार ने 2001 में इसे राष्ट्रीय किसान दिवस घोषित किया था. हालांकि, इस साल किसान दिवस 2025 का मुख्य विषय ‘विकसित भारत 2047 और भारतीय कृषि के वैश्वीकरण में FPOs की भूमिका’ है. ताकि किसान उत्पादक संगठन (FPOs) और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके भारतीय कृषि को दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके. तो आइए आज जानते हैं किसान दिवस पर, किसानों के लिए केंद्र सरकार की मुख्य 10 योजनाओं के बारे में.
केंद्र सरकार की 10 मुख्य योजनाएं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN): इस योजना के तहत सीमांत और छोटी जोत वाले किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. यह राशि हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है. अभी तक केंद्र सरकार 21 किस्तें जारी कर चुकी है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): यह एक फसल बीमा योजना है, जो प्राकृतिक आपदाओं, कीट और बीमारियों से होने वाले नुकसान से किसानों को सुरक्षा देती है. इसमें किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना होता है. खरीफ फसलों पर 2 फीसदी, रबी पर 1.5 फीसदी और बागवानी फसलों पर 5 फीसदी प्रीमियम देना पड़ता है.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC): इस योजना के तहत किसानों को खेती से जुड़ी जरूरतों के लिए समय पर कर्ज दिया जाता है. समय से भुगतान करने पर 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी ब्याज दर पर लगता है.
प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM): इस योजना के तहत किसान सोलर पंप इंस्टॉल कर सकते हैं या पुराने पंप सोलराइज कर सकते हैं. 30 से 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय कमाई जा सकती है.
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY): यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए वैकल्पिक पेंशन योजना है. 18 से 40 वर्ष के किसानों के लिए है और 60 साल की उम्र के बाद उन्हें मासिक 3,000 रुपये की पेंशन मिलती है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): किसानों के लिए एक और महत्वपूर्ण योजना है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY). इसका मुख्य उद्देश्य पानी का सही और कुशल इस्तेमाल करना है, जिसे ‘हर बूंद से अधिक फसल’ के नारे से जोड़ा गया है. इस योजना में ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी माइक्रो-सिंचाई प्रणालियों पर सब्सिडी दी जाती है.
e-राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM): यह डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों को अपने उत्पादों को सीधे ऑनलाइन बाजार में बेचने का अवसर देता है, जिससे उन्हें बेहतर दाम और पारदर्शी लेन-देन मिलता है.
पारंपरिक कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana): यह योजना क्लस्टर आधारित जैविक खेती को बढ़ावा देती है. राज्यों को प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें किसानों के लिए 15,000 रुपये सीधे इंसेंटिव के रूप में मिलते हैं.
कृषि अवसंरचना निधि (Agriculture Infrastructure Fund): इस योजना से किसानों और उद्यमियों को पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कोल्ड स्टोरेज और गोदाम के लिए 3 फीसदी ब्याज दर की सब्सिडी पर 2 करोड़ रुपये तक का लोन मिलता है.
मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना: इस योजना के तहत किसानों को उनकी जमीन की 12 पोषक तत्वों की लैब-टेस्ट रिपोर्ट और व्यक्तिगत उर्वरक सलाह दी जाती है, ताकि उर्वरक का अत्यधिक इस्तेमाल रोका जा सके और मिट्टी की उर्वरता बढ़े.