Pig Farming Tips: देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन हमेशा से किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया रहा है. किसान ज्यादातर गाय, भैंस, बकरी और भेड़ पालन करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुअर पालन से भी आप अच्छी कमाई कर सकते हैं? सुअर का मांस और चमड़ा बाजार में अच्छे दाम पर बिकता है और इसकी चर्बी से कई तरह के उत्पाद भी बनाए जाते हैं.
सुअर पालन से मांस और चमड़े में मोटी कमाई
सुअर पालन से किसान मुख्य रूप से मांस और चमड़े से कमाई कर सकते हैं. सुअर का मांस मार्केट में उच्च कीमत पर बिकता है. इसके अलावा सुअर की खाल से पर्स, जैकेट और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं, जिनकी मांग हमेशा रहती है. सुअर की चर्बी से डेली इस्तेमाल के कई प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं. यानी सुअर पालन सिर्फ एक व्यवसाय ही नहीं बल्कि लाभ का स्थायी स्रोत भी है.
प्रमुख सुअर नस्लें
सुअर पालन करने से पहले यह जानना जरूरी है कि कौन-सी नस्ल आपके लिए सही रहेगी. भारत में सुअर पालन में कुछ प्रमुख नस्लें इस्तेमाल की जाती हैं-
- लार्ज वाइट लार्कशायर
- मिडल वाइट लार्कशायर
- लैंडरस
- हैंपशायर
- स्वदेशी किस्म
- एचएक्स 1
सही नस्ल का चुनाव आपके लिए मुनाफे को बढ़ा सकते है क्योंकि कुछ नस्लों का मांस और चमड़ी बाजार में ज्यादा मूल्य पर प्राप्त करता है.
सुअर पालन कैसे शुरू करें
सुअर पालन शुरू करने के लिए कुछ जरूरी तैयारी करनी होती है. सबसे पहले आपको उचित जगह का इंतजाम करना चाहिए, जिससे सुअरों को आराम से रखा जा सके. इसके बाद खाने-पीने का प्रबंध करें. सुअर सब्जी, फल के छिलके, सड़ी-गली चीजें और होटल के बचे खाने से भी पोषण प्राप्त कर लेते हैं. इसके अलावा, समय-समय पर सुअरों की शारीरिक जांच कराना भी जरूरी है.
एक बार में 6-7 बच्चों का जन्म
मादा सुअर एक बार में लगभग 6-7 बच्चों को जन्म देती है. इसका मतलब है कि एक साल में मादा सुअर दो बार बच्चे दे सकती है, जिससे आपके पास लगातार नए सुअर होंगे. नवजात सुअरों के लिए उचित व्यवस्था का होना जरूरी है ताकि उनकी देखभाल सही तरीके से की जा सके. यह भी ध्यान रखना होगा कि बच्चों का पोषण और स्वास्थ्य ठीक रहे.
सुअर पालन की विशेषताएं
सुअर पालन को छोटे निवेश में भी शुरू किया जा सकता है. इसके कुछ प्रमुख फायदे हैं-
- कम जगह और कम लागत में पालन संभव है.
- खाने के लिए अधिक मेहनत की जरूरत नहीं, वे आम बचे-खुचे खाने पर भी ठीक रहते हैं.
- एक वयस्क सुअर से लगभग 60-70 किलो मांस प्राप्त किया जा सकता है.
- सुअर की एक बच्चे की कीमत मार्केट में 2,000-3,000 रुपये तक होती है.
- पोषण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं.
- साल में दो बार बच्चे देने की क्षमता होती है.
- इन विशेषताओं की वजह से सुअर पालन छोटे और बड़े दोनों किसान आसानी से कर सकते हैं.
बाजार में मांग और मुनाफा
सुअर पालन से किसानों को सालभर अच्छी आमदनी मिल सकती है. सुअर का मांस, चमड़ा और चर्बी मार्केट में हमेशा मांग में रहते हैं. नवजात सुअरों की कीमत भी अच्छी होती है. अगर आप छोटे स्तर से शुरुआत करते हैं और बाद में अपने फार्म का विस्तार करते हैं, तो आप लाखों रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं. सुअर पालन न केवल कमाई का साधन है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है.