भारत की कॉफी का जलवा दुनिया भर में, 2024-25 में निर्यात पहुंचा 1.8 अरब डॉलर के पार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कोरापुट कॉफी की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की कॉफी दुनिया भर में बेहद पसंद की जा रही है. उन्होंने बताया कि देश के कई इलाकों में लोग अब कॉफी खेती को रोजगार और आत्मनिर्भरता का साधन बना रहे हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 3 Nov, 2025 | 08:05 AM

Coffee Exports: भारत की कॉफी अब सिर्फ सुगंध ही नहीं, बल्कि सफलता की कहानी भी बन चुकी है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के कॉफी निर्यात ने नया रिकॉर्ड बनाया है. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, इस वित्त वर्ष में कॉफी का निर्यात 1.80 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष (2023-24) के 1.28 अरब डॉलर की तुलना में लगभग 40.2 प्रतिशत की वृद्धि है. यह लगातार चौथा साल है जब भारतीय कॉफी ने वैश्विक बाजार में अरब डॉलर से अधिक का कारोबार किया है.

भारत की कॉफी को मिल रही है वैश्विक पहचान

बिजनेस लाइन की  खबर के अनुसार, भारत की कॉफी अपनी खास खुशबू और स्वाद के लिए दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, भारतीय कॉफी की बढ़ती मांग का मुख्य कारण इसके अनोखे फ्लेवर और उच्च गुणवत्ता वाले दाने हैं. भारत में मुख्य रूप से अरबिका और रोबस्टा प्रजाति की कॉफी उगाई जाती है, जो ज्यादातर बिना भुने दानों के रूप में निर्यात की जाती है. हालांकि, अब विदेशी बाजारों में रोस्टेड और इंस्टेंट कॉफी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे निर्यातकों के लिए नए अवसर खुल रहे हैं.

कर्नाटक से कोरापुट तक कॉफी की नई कहानी

भारत में कॉफी की खेती मुख्य रूप से पश्चिमी और पूर्वी घाट की हरियाली से भरपूर पहाड़ियों में होती है. कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं. इनमें से कर्नाटक का योगदान सबसे अधिक है. वहीं, हाल के वर्षों में ओडिशा के कोरापुट और आंध्र प्रदेश के अराकू क्षेत्र ने भी अपनी अलग पहचान बनाई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कोरापुट कॉफी की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की कॉफी दुनिया भर में बेहद पसंद की जा रही है. उन्होंने बताया कि देश के कई इलाकों में लोग अब कॉफी खेती को रोजगार और आत्मनिर्भरता का साधन बना रहे हैं. प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कॉर्पोरेट जीवन छोड़कर कॉफी खेती को अपनाया और अब सफल किसान बन चुके हैं.

महिलाओं के लिए नई उम्मीद बनी कॉफी खेती

कोरापुट और अराकू की पहाड़ियों में महिलाएं भी कॉफी की खेती में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. कॉफी उत्पादन ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हुआ है. कई महिला समूह अब अपनी कॉफी ब्रांड बनाकर देश और विदेश में बेच रही हैं, जिससे स्थानीय समुदायों की आमदनी में बड़ा सुधार आया है.

भारत की कॉफी: परंपरा से आधुनिकता तक

भारत अब दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है. वर्ष 2020-21 में जहां कॉफी निर्यात 719 मिलियन डॉलर था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 1.29 अरब डॉलर हो गया. यह वृद्धि बताती है कि भारतीय कॉफी ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाई है, बल्कि गुणवत्ता के मामले में भी अन्य देशों को कड़ी टक्कर दे रही है.

“ब्रू इन इंडिया, लव्ड बाय द वर्ल्ड”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की कॉफी दुनिया के हर कोने में पसंद की जा रही है यह सिर्फ पेय नहीं, बल्कि मेहनत, परंपरा और स्वाद की कहानी है.” वास्तव में, भारत की कॉफी अब “ब्रू इन इंडिया, लव्ड बाय द वर्ल्ड” के मंत्र के साथ वैश्विक स्तर पर अपनी सुगंध फैला रही है.

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