गोपाल योजना में बड़ा बदलाव, अगस्त से बेसहारा गायों के लिए हर महीने मिलेंगे 1200 रुपये
इन गायों को भोजन, चिकित्सा और सुरक्षित आश्रय देने के लिए कई सामाजिक संस्थाएं सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं. सरकार ने यह भी जानकारी दी कि कांगड़ा, हमीरपुर और ऊना जिलों में नए गौ-सदन विकसित किए जा रहे हैं ताकि ज्यादा पशुओं को सहारा मिल सके.
प्रदेश सरकार ने बेसहारा गौवंश की सेवा में लगे गौ-सदनों के लिए बड़ी घोषणा की है. राज्य सरकार ने ‘गोपाल योजना’ के तहत मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाने का ऐलान किया है. अब गौ-सदनों को हर गाय के लिए 700 रुपये की जगह 1200 रुपये प्रति माह मिलेंगे. यह नया प्रावधान अगस्त 2025 से लागू होगा.
हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार, यह घोषणा पशुपालन और कृषि मंत्री चंदर कुमार ने शिमला में आयोजित हिमाचल प्रदेश गौ-सदन आयोग की छठी बैठक की अध्यक्षता करते हुए की. बैठक में बेसहारा पशुओं की देखभाल, गौ-सदनों के संचालन और उनके पुनर्वास के उपायों पर गहन चर्चा हुई.
21 हजार से ज्यादा बेसहारा गायों की हो रही सेवा
फिलहाल राज्य में 276 गौ-सदन और गौ-अभयारण्य (Cow Sanctuaries) हैं, जहां 21,000 से अधिक बेसहारा गौवंश की देखभाल की जा रही है. इन गायों को भोजन, चिकित्सा और सुरक्षित आश्रय देने के लिए कई सामाजिक संस्थाएं सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं. सरकार ने यह भी जानकारी दी कि कांगड़ा, हमीरपुर और ऊना जिलों में नए गौ-सदन विकसित किए जा रहे हैं ताकि ज्यादा पशुओं को सहारा मिल सके.
हर गौ-सदन में बनेगा बायोगैस प्लांट
सिर्फ गायों को आश्रय देना ही नहीं, बल्कि गौ-सदनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. कृषि विभाग की मदद से इन केंद्रों में बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे. इससे गौ-सदन खुद के लिए ऊर्जा भी पैदा कर सकेंगे और गोबर का बेहतर उपयोग भी होगा.
हर गाय को मिलेगा समय पर इलाज
बैठक में मंत्री चंदर कुमार ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि सभी गौ-सदनों में नियमित पशु चिकित्सकीय देखभाल सुनिश्चित की जाए. हर पशु का पूरा रिकॉर्ड रखा जाए, ताकि उसकी सेहत और देखभाल का ट्रैकिंग हो सके.
अवैध तस्करी पर कड़ी कार्रवाई
मंत्री ने पड़ोसी राज्यों से आकर अवैध रूप से गायों को छोड़े जाने और तस्करी के मामलों पर चिंता जताई. उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में कोई भी मवेशी को बेसहारा छोड़ने की हिम्मत न करे.
बनेगी नई नीति
गौ सेवा आयोग अब भाषा एवं संस्कृति विभाग के साथ मिलकर एक नई नीति तैयार करेगा, जिससे गौ-सदनों का संचालन और निर्माण सुनियोजित और सामुदायिक सहयोग से हो सके. सरकार चाहती है कि लोग सिर्फ दान न करें, बल्कि इस सेवा में सक्रिय भागीदार बनें.