आजकल किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ वैकल्पिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं. इसमें मशरूम की खेती एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रही है. मशरूम की कई किस्मों को आजकल किसान उगाकर मोटी कमाई हासिल कर पा रहे हैं. मशरूम उगाने के लिए मौसम, जलवायु और वातावरण के हिसाब से किस्म का चयन किसानों को करना चाहिए. सही किस्म उगाने से ही अच्छी पैदावार और कीमत मिल सकेगी.
बटन मशरूम
यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय और खपत वाली मशरूम है, जिसे हम अक्सर बाजारों में देखते हैं. ये सफेद या क्रीम रंग की होती है और इसका स्वाद हल्का और बनावट मुलायम होती है. इसका इस्तेमाल पिज्जा, सलाद, पास्ता जैसी चीजों में खूब होता है. ये पाचन सुधारती है, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है और दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव करती है. इसकी खेती में भूसा, कंपोस्ट और खाद का इस्तेमाल होता है.
ऑयस्टर मशरूम
ऑयस्टर शेप की दिखने वाली ये मशरूम कई रंगों में आती है जैसे की सफेद, भूरे, गुलाबी आदि. भारत में इसे ‘ढिंगरी’ भी कहते हैं. इसका स्वाद लाजवाब होता है और यह खासतौर पर शाकाहारी व्यंजनों में खूब पसंद की जाती है. यह कोलेस्ट्रॉल घटाती है और दिल के लिए फायदेमंद मानी जाती है. इसकी खेती गेहूं या धान के भूसे में स्पॉन मिलाकर की जा सकती है. जिसका वैज्ञानिक नाम प्लुरोटस हैं.
शिटाके मशरूम
यह जापानी और चाइनीज व्यंजनों में बेहद मशहूर है, लेकिन अब भारत में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. इसका स्वाद मांस जैसा होता है और इसे अक्सर सूप, नूडल्स और सालामी में इस्तेमाल किया जाता है. ये विटामिन्स और आयरन से भरपूर होती है और इसके कैंसर रोधी गुण भी माने जाते हैं. इसे वैज्ञानिक तौर पर लेंटिनुला एडोड्स के नाम से जाना जाता हैं.
एनोकी मशरूम
स्लिम और लंबे डंठल वाली ये सफेद रंग की मशरूम दिखने में बेहद खूबसूरत होती है. इसे ‘गोल्डन नीडल’ भी कहा जाता है. इसका स्वाद हल्का होता है और इसे जापानी और कोरियन व्यंजनों में खूब इस्तेमाल किया जाता है. यह लो-कैलोरी होने के साथ पाचन में भी मदद करता है.
मोरेल मशरूम
यह सबसे महंगी और स्वादिष्ट मशरूम में से एक है. इसकी खेती बेहद कठिन है इसलिए इसे जंगलों से इकठ्ठा किया जाता है. इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है और ये खासतौर पर होटल और रेस्तरां में इस्तेमाल होती है.
रीशी मशरूम
इस मशरूम को ‘अमरता की मशरूम ’ भी कहा जाता है. इसका उपयोग मुख्यतः औषधीय रूप में होता है. यह तनाव कम करती है, इम्यून सिस्टम मजबूत बनाती है और कैंसर से लड़ने में मदद करती है.