Mandi Bhav: लासलगांव मंडी में 30 फीसदी कम प्याज की आवक, 651 रुपये क्विंटल रेट.. किसानों को नुकसान
सोमवार को लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति में केवल 10,000 क्विंटल ही प्याज की आवक हो पाई. हालांकि, ऐसे रोजाना मंडी में 15000 से 17000 क्विंटल प्याज आता है. अधिकारियों का कहना है कि बारिश के कारण बहुत से किसान मंडी नहीं पहुंच पाए.
Today Mandi Rate: महाराष्ट्र के नासिक जिला स्थित देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति (Lasalgaon Mandi ) में उपज की आवक में गिरावट आई है. बीते सोमवार को मंडी में प्याज की आवक 30 फीसदी कम हो गई. कहा जा रहा है कि बारिश के चलते यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई. इससे किसान समय पर उपज लेकर मंडी नहीं पहुंच पाए. हालांकि, आवक में गिराट के बावजूद रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है. अभी भी किसानों को लागत के मुकाबले नुकसान हो रहा है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति में केवल 10,000 क्विंटल ही प्याज की आवक हो पाई. हालांकि, ऐसे रोजाना मंडी में 15000 से 17000 क्विंटल प्याज आता है. अधिकारियों का कहना है कि बारिश के कारण बहुत से किसान मंडी नहीं पहुंच पाए. वहीं, सोमवार को लासलगांव मंडी में प्याज का औसत थोक रेट 1,500 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया. जबकि, मिनिमम कीमत 651 रुपये और मैक्सिमम कीमत 2,100 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई.
लासलगांव मंडी में प्याज का ताजा रेट
ऐसे में किसानों का कहना है कि मंडी में अभी भी प्याज का रेट काफी कम है. प्याज की लागत 1,800 रुपये प्रति क्विंटल आती है. लेकिन रेट 651 रुपये से 1,500 प्रति क्विंटल ही मिल पा रहा है. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. वहीं, महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि एपीएमसी में प्याज का औसत थोक दाम करीब 1,500 रुपये प्रति क्विंटल है. पिछले दो महीनों से प्याज 800 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रहा है. उनका कहना है कि इस समय मंडियों में रबी प्याज आ रहा है, जिसे मार्च और अप्रैल में काटा गया था.
कितने महीने की होती है प्याज की शेल्फ लाइफ
उन्होंने कहा कि गर्मी के प्याज की शेल्फ लाइफ 6 से 7 महीने होती है, जबकि खरीफ प्याज ज्यादा समय तक नहीं टिकता. इसलिए किसान गर्मी के प्याज को स्टोर करके रखते हैं, ताकि बाद में अच्छे दाम मिलने पर बेच सकें. उन्होंने कहा कि किसान अपनी जरूरत के हिसाब से ही प्याज मंडी में बेचने लाते हैं.
किसानों को मिले आर्थिक मदद
दिघोले ने कहा कि पिछले एक महीने से प्याज का औसत थोक भाव 1,500 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बना हुआ है. भरत दिघोले ने कहा कि इसलिए हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि पिछले दो महीनों में जो किसान कम दाम पर प्याज बेचने को मजबूर हैं, उन्हें (किसानों को) कम से कम 500 प्रति क्विंटल की आर्थिक मदद दी जाए.